नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को 14.15 किलोमीटर की जोजिला सुरंग के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। उन्होंने भरोसा जताया कि इस रणनीतिक परियोजनाओं से श्रीनगर घाटी और लेह के बीच पूरे साल संपर्क बना रहेगा। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि यह परियोजना समय से पहले पूरी हो जाएगी।
गडकरी ने कहा, ‘‘यह भारत के लिए गौरव का क्षण है। मुझे विश्वास है कि इस सुरंग को चार साल में पूरा कर लिया जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले इसका उद्घाटन करेंगे।’’
हालांकि, इस परियोजना को पूरा करने की समय सीमा छह साल है।
गडकरी ने सुरंग के निर्माण कार्य की शुरुआत पर पहले ब्लास्ट के मौके पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
यह परियोजना रणनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि जोजिला पास श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के दौरान यह बंद रहता है। अभी यह मार्ग वाहन चलाने की दृष्टि से दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में आता है। यह परियोजना भू-रणनीतिक दृष्टि से भी संवेदनशील है।
एक बार तैयार होने के बाद जोजिला एशिया की सबसे बड़ी सुरंगों में से होगी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग-एक पर श्रीनगर-लेह खंड में यात्रा का समय तीन घंटे से घटकर 15 मिनट रह जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को नए सिरे से तैयार किए जाने से सरकारी खजाने को 4,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। हालांकि, इसके लिए सुरक्षा और गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं किया गया है।
मंत्री ने कहा कि ईमानदार प्रयासों से हम कम लागत में अपने देश को आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ शासित प्रदेशों के लिए काफी महत्वपूर्ण क्षण है। जोजिला मार्ग को वाहन चलाने की दृष्टि से सबसे कठिन रास्तों में माना जाता है। यह हमारे देश की रक्षा की दृष्टि से भी रणनीतिक महत्व का है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जोजिला सुरंग से सिर्फ श्रीनगर, द्रास, कारगिल ओर लेह में सभी मौसम में संपर्क की सुविधा ही उपलब्ध नहीं होगी, बल्कि यह परियोजना दोनों संघ शासित प्रदेशों के आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण को और मजबूत करेगी।’’
गडकरी ने कहा कि सुरंग पूरी होने के बाद यह आधुनिक भारत की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग-एक पर करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर जोजिला पास के नीचे 14.15 किलोमीटर की सुरंग का निर्माण किया जाएगा। अभी यहां साल में सिर्फ छह माह वाहन चलाए जा सकते हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि लद्दाख, गिलगित और बाल्टिस्तान में देश की सीमा के पास भारी सैन्य गतिविधियों के मद्देनजर यह सुरंग देश की रक्षा की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण होगी।
मंत्रालय ने कहा कि इस परियोजना से यात्रा पर्यटन क्षेत्र को काफी प्रोत्साहन मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ‘‘हम यात्रियों द्वारा जोजिला सुरंग पार करने के दौरान किसी आपात स्थिति के लिए ठोस सुरक्षा उपाय कर रहे हैं।’’
गडकरी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में सात सुरंग सड़कों का निर्माण चल रहा है।
गडकरी ने 21,000 करोड़ रुपये की लागत के दिल्ली-कटरा हरित एक्सप्रेसवे का भी जिक्र किया। इस एक्सप्रेसव से दोनों महत्वपूर्ण स्थानों की दूरी घटकर 650 किलोमीटर रह जाएगी। मंत्री ने कहा कि उधमपुर से रामबन राजमार्ग का निर्माण दिसंबर तक पूरा होगा।
जोजिला सुरंग परियोजना का ठेका इस साल नए सिरे से मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. (एमईआईएल) को दिया गया है। एमईआईएल ने सबसे कम 4,509.5 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। परियोजना की दौड़ में लार्सन एंड टुब्रो तथा इरकॉन इंटरनेशनल जेवी भी शामिल थीं। गडकरी ने इस साल फरवरी में परियोजना की समीक्षा के बाद इसकी लागत घटा दी थी।
भाषा अजय
अजय महाबीर
महाबीर
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रवासी वापस आने लगे हैं: सीतारमण
13 hours agoआईएफसीआई में सरकार ने 500 करोड़ रुपये की पूंजी डाली
14 hours ago