गिरीश गौतम निर्विरोध बनेंगे मध्यप्रदेश विधानसभा के नये अध्यक्ष | Girish Gautam to become unopposed new Speaker of Madhya Pradesh Assembly

गिरीश गौतम निर्विरोध बनेंगे मध्यप्रदेश विधानसभा के नये अध्यक्ष

गिरीश गौतम निर्विरोध बनेंगे मध्यप्रदेश विधानसभा के नये अध्यक्ष

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : February 21, 2021/10:04 am IST

भोपाल, 21 फरवरी (भाषा) रीवा जिले के देवतालाब सीट से विधायक एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरीश गौतम (67) मध्यप्रदेश विधानसभा के नये अध्यक्ष होंगे।

रविवार को नामांकन भरने का समय खत्म होने तक गिरीश गौतम एक मात्र प्रत्याशी रहे जिन्होंने नामांकन दाखिल किया है, इसलिए सोमवार को वह निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने जाएंगे।

मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘गिरीश गौतम ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए आज सुबह अपना नामांकन दाखिल किया। उनके अलावा, किसी ने भी इस पद के लिए नामांकन नहीं भरा है और नामांकन भरने का समय अब समाप्त हो चुका है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह निर्विरोध विधानसभा के अध्यक्ष चुने जाएंगे। लेकिन इसकी पूरी प्रक्रिया कल (सोमवार को) सदन में होगी।’’

मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू होगा और इसमें विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव होना है। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 126 विधायक हैं।

लगातार चौथी बार विधायक चुने गए गौतम द्वारा इस पद के लिए नामांकन भरने के बाद उनके साथ मौजूद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं को बताया, ‘‘भाजपा के वरिष्ठ एवं लोकप्रिय नेता गिरीश गौतम के हाथों में विधानसभा के संचालन का दायित्व होगा। वह मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष होंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनका नामांकन अभी हमने दाखिल किया है।’’

चौहान ने बताया कि विन्ध्य मध्यप्रदेश का एक महत्वपूर्ण अंग है और विन्ध्य की जनता का हमें प्यार एवं आशीर्वाद भरपूर मिला है। इसलिए, अब वहीं से विधानसभा के अध्यक्ष भी होंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि अपनी कर्मठता, निष्पक्षता और सबको साथ लेकर चलने की क्षमता और संसदीय ज्ञान के आधार पर गिरीश गौतम जी अध्यक्ष पद की गरिमा को निश्चित तौर पर और बढाएंगे और विधानसभा का सुचारू संचालन होगा। उनको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।’’

हालांकि, जब उनसे सवाल किया गया कि विधानसभा उपाध्यक्ष के नाम पर क्या कोई चर्चा हुई है, तो इस पर चौहान ने कहा, ‘‘अभी चर्चा करेंगे।’’

वर्तमान में भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा पिछले साल दो जुलाई से मध्यप्रदेश विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) हैं। वह पिछले साल मार्च में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के बाद से सामयिक अध्यक्ष हैं। कोरोना वायरस की महामारी के कारण तब से अबतक विधानसभा के तीन सत्र स्थगित किए गए हैं, जिसके चलते स्थायी अध्यक्ष का निर्वाचन नहीं हो पाया है।

इससे पहले प्रदेश भाजपा संगठन में हुई लंबी चर्चा के बाद रविवार सुबह उनके नाम पर अंतिम मुहर लगाई गई और इसके बाद गौतम मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके निवास पहुंचे थे।

अध्यक्ष पद का नामांकन भरने से बाद गिरीश गौतम ने कहा, ‘‘सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के विधानसभा में जो सदस्य हैं, उनको एक नजरिये से देखने की आवश्यकता है और मेरा यही प्रयास रहेगा। मैं विधानसभा में सभी सदस्यों के हितों की रक्षा करूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी, संगठन एवं मुख्यमंत्री चौहान ने मेरे ऊपर भरोसा जताया है और मैं इस पर खरा उतरने का भरसक प्रयास करूंगा।’’

इसी बीच, मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने आज भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘भाजपा का शुरू से संसदीय परंपराओं में कभी विश्वास नहीं रहा है। वर्षों से विधानसभा अध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष को व उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की चली आ रही परंपराओं को भाजपा ने तोड़ा है। वहीं, हमारा शुरू से ही संसदीय परंपराओं में विश्वास रहा है।’’

कमलनाथ ने कहा, ‘‘हमने निर्णय लिया है कि हम विधानसभा अध्यक्ष पद की संवैधानिक गरिमा को देखते हुए व संसदीय परंपराओं के प्रति हमारे विश्वास के अनुरूप विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन में कांग्रेस की ओर से पूर्ण सहयोग करेंगे।’’

विन्ध्य क्षेत्र के नेताओं के अनुसार रीवा जिला प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र में आता है। विन्ध्य क्षेत्र से मध्यप्रदेश सरकार में वर्तमान में केवल एक ही मंत्री है, जबकि 15 विधानसभा सीटों में से 14 सीटों पर भाजपा के विधायक हैं। इसलिए इस क्षेत्र की जनता एवं नेता विन्ध्य क्षेत्र से विधानसभा अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे थे, जो अब पूरी होने जा रही है।

उन्होंने कहा कि 17 साल बाद विन्ध्य से विधानसभा अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस के कद्दावर नेता श्रीनिवास तिवारी 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक इस पद रह चुके हैं।

इसी बीच, मध्यप्रदेश भाजपा सचिव एवं प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने ’भाषा’ को बताया, ‘‘गौतम पहली बार वर्ष 2003 में रीवा जिले की मनगवां सीट से विधायक बने थे। तब उन्होंने विन्ध्य क्षेत्र में कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को हराया था। इसके बाद वह वर्ष 2008, 2013 एवं 2018 में देवतालाब से विधायक बने। इस प्रकार वह लगातार चौथी बार विधायक बने हैं।’’

उन्होंने कहा कि छात्रकाल से राजनीति में सक्रिय रहे गौतम एक जुझारू नेता हैं और उन्होंने किसानों एवं मजदूरों के हितों के लिए संघर्ष भी किया।

मालूम हो कि 230 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 126 विधायक हैं, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 96, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं।

वहीं, कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी द्वारा 25 अक्टूबर, 2020 को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने से दमोह सीट खाली है।

भाषा रावत धीरज

धीरज

 

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