मंदिरों और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिये केन्द्रीय कानून लाए सरकार: विहिप | Govt brings central law to free temples and monasteries from government control: VHP

मंदिरों और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिये केन्द्रीय कानून लाए सरकार: विहिप

मंदिरों और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिये केन्द्रीय कानून लाए सरकार: विहिप

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : July 18, 2021/3:53 pm IST

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने रविवार को केंद्र सरकार से अपील की कि वह राज्यों में सरकारी नियंत्रण से हिंदू मंदिरों और धार्मिक संस्थानों को मुक्त कराने के लिए एक कानून लाए। साथ ही उसने देश में अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिये ”कड़ा” केन्द्रीय कानून लाने पर जोर दिया।

विहिप ने फरीदाबाद में संपन्न न्यासी बोर्ड और शासी परिषद की दो दिवसीय बैठक में इस संबंध में दो अलग-अलग प्रस्ताव पारित किए।

देश में कोरोना वायरस महामारी की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर, बैठक में एक राष्ट्रव्यापी जन जागरूकता अभियान शुरू करने और स्वयंसेवकों के लिए कोविड प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी संकल्प लिया गया।

विहिप ने एक बयान में कहा, ”कोरोना महामारी से सुरक्षा, अवैध धर्म परिवर्तन की रोकथाम और मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के प्रस्तावों के साथ आज दो दिवसीय बैठक संपन्न हुई।”

संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और उत्तराखंड सहित विभिन्न राज्यों में हिंदुओं के कई मंदिर और धार्मिक संस्थान सरकार के नियंत्रण में हैं।

उन्होंने सवाल किया, ”सरकार कानून-व्यवस्था के साथ-साथ सुरक्षा का भी ख्याल रख सकती है, लेकिन मंदिरों का प्रबंधन हिंदू समाज के हाथों में दिया जाना चाहिए। सरकार क्यों तय करे कि मंदिर का पुजारी कौन होगा , मंदिर में पूजा कैसे होनी चाहिए।”

कुमार ने कहा कि इसलिए हिंदू मंदिरों और धार्मिक संस्थानों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया।

प्रस्ताव में कहा गया है, ”विहिप केंद्र सरकार से हिंदू मंदिरों और धार्मिक संस्थानों को हिंदू समाज को सौंपने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की अपील करता है ताकि संत और भक्त मृत्युंजय भारत की आध्यात्मिक-सामाजिक-सांस्कृतिक गतिशीलता को सुनिश्चित करने की दिशा में उन्मुख अपनी धार्मिक और प्रशासनिक प्रणालियों और परंपराओं का अनुसरण कर सकें।”

बैठक में पारित एक अन्य प्रस्ताव में, विहिप ने केंद्र सरकार से जल्द ही ”धर्मांतरण के खिलाफ एक मजबूत कानून बनाने की अपील की, ताकि भारत इस राष्ट्र-विरोधी, हिंदू-विरोधी और मानवता-विरोधी एजेंडे से मुक्त हो सके।”

प्रस्ताव के अनुसार ” विहिप के केंद्रीय न्यासी बोर्ड और शासी परिषद को विश्वास है कि भारत सरकार लंबे समय से लंबित इस काम को भी निश्चित रूप से पूरा करेगी।”

इसमें हिंदू समाज से ”धर्मांतरण की साजिशों के बारे में हमेशा सतर्क रहने और सभी संवैधानिक उपायों के माध्यम से इस पर रोक लगाने” का आह्वान किया गया है।

भाषा जोहेब दिलीप

दिलीप

 

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