सोशल मीडिया के नियमन के लिए कानून बनाने पर काम कर रही है सरकार: राम माधव | Govt working on enacting legislation to regulate social media: Ram Madhav

सोशल मीडिया के नियमन के लिए कानून बनाने पर काम कर रही है सरकार: राम माधव

सोशल मीडिया के नियमन के लिए कानून बनाने पर काम कर रही है सरकार: राम माधव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : February 21, 2021/10:11 am IST

कोलकाता, 21 फरवरी (भाषा) भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा है कि सोशल मीडिया इतना शक्तिशाली हो गया है कि वह सरकारों को भी अपदस्थ करने की ताकत रखता है, जिसके कारण अराजकता पैदा सकती है और लोकतंत्र कमजोर हो सकता है तथा इससे निपटने के लिए संवैधानिक ढांचे के तहत समाधान तलाशने की आवश्यकता है।

माधव ने अपनी नई किताब ‘बिकॉज इंडिया कम्स फर्स्ट’ के विमोचन के मौके पर कहा कि ‘गैर-राजनीतिक’’ एवं ‘‘राज्येतर’’ ताकतों के उदय के कारण लोकतंत्र दबाव में है और नई चुनौतियों का सामना कर रहा है।

उन्होंने ‘प्रभा खेतान फाउंडेशन’ द्वारा शनिवार शाम को आयोजित समारोह में कहा, ‘‘सोशल मीडिया इतना ताकतवर है कि वह सरकारों को भी अपदस्थ कर सकता है और उसका नियमन मुश्किल है, क्योंकि यह सीमाओं से परे है। ये बल अराजकता को प्रोत्साहित कर सकते हैं, जिससे लोकतंत्र कमजोर होता है, लेकिन इसका समाधान संवैधानिक ढांचे के भीतर खोजा जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून इससे निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

माधव ने कहा, ‘‘हमें इससे निपटने और इसके प्रबंधन के लिए नए नियमों एवं कानूनों की आवश्यकता है। सरकार इस दिशा में पहले से काम कर रही है।’’

माधव का यह बयान खातों को ब्लॉक (बंद) किए जाने को लेकर सरकार और ट्विटर के बीच जारी विवाद के बीच आया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने माइक्रो ब्लॉगिंग कंपनी ट्विटर से भारतीय कानून का अनुसरण करने को कहा है।

माधव ने कहा कि उन्होंने अपनी नई किताब में मोदी सरकार के कई फैसलों पर अपने अवलोकन के बारे में लिखा है।

उन्होंने महात्मा गांधी संबंधी एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि आरएसएस किसी नेता के योगदान को कम नहीं समझता।

उन्होंने कहा कि गांधी एक महान नेता थे और उनके अहिंसा के मंत्र को कई वैश्विक नेताओं ने आत्मसात किया।

माधव ने कश्मीर के मामले पर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने से जमीनी स्तर के नेता कुछेक परिवारों के आधिपत्य के खिलाफ खड़े हो रहे हैं।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह देश के लोगों का दायित्व है कि वे कश्मीर को इस बात का एहसास कराएं कि वह 1.3 अरब आबादी वाले मजबूत परिवार का हिस्सा हैं।

भाषा सिम्मी दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)