ग्रीनपीस इंडिया ने कोविड-19 के बाद हरित उपायों के इस्तेमाल के लिए नीति आयोग को लिखा पत्र | Greenpeace India writes to NITI Aayog for use of green measures after Covid-19

ग्रीनपीस इंडिया ने कोविड-19 के बाद हरित उपायों के इस्तेमाल के लिए नीति आयोग को लिखा पत्र

ग्रीनपीस इंडिया ने कोविड-19 के बाद हरित उपायों के इस्तेमाल के लिए नीति आयोग को लिखा पत्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : November 17, 2020/2:08 pm IST

नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) पर्यावरण के लिए काम करने वाले संगठन ग्रीनपीस इंडिया ने कोविड-19 महामारी से उबरने पर पर्यावरण अनुकूल, समान, सतत विकास के लिए नीति आयोग को मंगलवार को कुछ सुझावों वाला एक पत्र भेजा है।

नीति आयोग को अपने सुझावों में ग्रीनपीस इंडिया ने नवीन ऊर्जा के विकेंद्रीकृत मॉडल को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया है । इससे हर किसी तक ऊर्जा की पहुंच होगी और जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा उत्पादन को खत्म कर पर्यावरण संकट के असर को कम करने मे भी मदद मिलेगी।

ग्रीनपीस इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार को छतों पर लगाए जाने वाले सौर उपकरणों और विकेंद्रीकृत नवीन ऊर्जा के अन्य प्रारूपों का समर्थन करना चाहिए । इससे कोयला आधारित ऊर्जा की मांग भी घटेगी। जीवाश्म ईंधन आधारित क्षेत्र से नवीन ऊर्जा की तरफ बढ़ने से समय पूर्व होने वाली मौतों को रोकने और स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान को भी रोका जा सकता है । स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी कारोबार का समर्थन करना होगा। ’’

ग्रीनपीस इंडिया में कार्यकारी निदेशक बीनू जैकब ने कहा कि हरित उपायों से टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिलेगा और समाज को भी इससे फायदा होगा। नीति आयोग ने पूर्व में सतत विकास लक्ष्य की हिमायत की थी। हमें उम्मीद है कि आयोग देश के नागरिकों द्वारा समर्थित हरित सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगा।

नीति आयोग को दिए गए सुझावों में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का भी आह्वन किया गया है । इसमें कहा गया है कि निजी गाड़ियों का इस्तेमाल करने वाले लोगों के मन में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को लेकर बने डर को हटाने में कुछ समय लगेगा। यह एक मौका है कि ई-बाइक और ई-स्कूटर को बढ़ावा दिया जाए।

गैर सरकारी संगठन ने कहा कि कोविड-19 के कारण सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर रहने वाले लोग आर्थिक मंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और उनमें से ज्यादातर लोग परिवहन के महंगे माध्यम का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसलिए कोविड-19 के संबंध में सुरक्षा के व्यापक उपाय करने के साथ सार्वजनिक परिवहन को सबसे के लिए निशुल्क कर देना चाहिए।

भाषा आशीष उमा

उमा

 

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