जीएसटी का वार्षिक रिटर्न भरने की समयसीमा 31 दिसंबर तक बढ़ायी गयी | Gst annual return deadline extended till December 31

जीएसटी का वार्षिक रिटर्न भरने की समयसीमा 31 दिसंबर तक बढ़ायी गयी

जीएसटी का वार्षिक रिटर्न भरने की समयसीमा 31 दिसंबर तक बढ़ायी गयी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:55 PM IST, Published Date : October 24, 2020/11:01 am IST

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) वित्त वर्ष 2018-19 का वार्षिक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न भरने की समयसीमा दो महीने बढ़ा दी गयी है। सरकार ने शनिवार को कहा कि अब 2018-19 का सालाना जीएसटी रिटर्न 31 दिसंबर तक भरा जा सकता है।

सरकार ने इससे पहले पिछले महीने जीएसटी रिटर्न भरने का समय बढ़ा कर 31 अक्टूबर 2020 किया था।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक बयानमें कहा कि सरकार से वित्त वर्ष 2018-19 का सालाना जीएसटी रिटर्न (जीएसटीआर-9) और मिलान का विवरण (जीएसटीआर-9सी) भरने की समयसीमा बढ़ाने की मांग की जा रही थी।

उसने कहा कि कोरोना वायरस महामारी तथा इसकी रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन व विभिन्न पाबंदियों के कारण देश के कई हिस्सों में अभी भी सामान्य परिचालन कर पाना संभव नहीं हुआ है। इसी आधार पर समयसीमा बढ़ाने की मांग की जा रही थी।

सीबीआईसी ने कहा कि व्यवसायों तथा ऑडिटरों को इन प्रावधानों के अनुपालन में सक्षम बनाने के लिये समयसीमा 31 अक्टूबर 2020 से आगे बढ़ाने का अनुरोध किया गया था।

सीबीआईसी ने कहा, ‘‘इन्हीं मांगों के मद्देनजर जीएसटी परिषद के सुझावों के आधार पर वित्त वर्ष 2018-19 के लिये सालाना जीएसटी रिटर्न (फॉर्म जीएसटीआर -9 / जीएसटीआर -9 ए) और पुनर्मिलान ब्यौरा (फार्म जीएसटीआर -9 सी) दाखिल करने की समयसीमा को 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 करने का निर्णय लिया गया है।’’

जीएसटीआर-9 एक वार्षिक रिटर्न है, जो करदाताओं द्वारा जीएसटी व्यवस्था के तहत दाखिल किया जाता है। इसमें विभिन्न कर श्रेणियों (स्लैब) के तहत प्राप्तियों व आपूर्तियों के संबंध में विस्तृत विवरण दिया जाता है। जीएसटीआर-9सी ऑडिट की गयी सालाना वित्तीय विवरण और जीएसटीआर-9 के मिलान का चिठ्ठा होता है।

सालाना रिटर्न भरना सिर्फ उन करदाताओं के लिये अनिवार्य है, जिनका सालाना टर्नओवर दो करोड़ रुपये से अधिक होता है। इसी तरह पांच करोड़ रुपये से अधिक के सालाना टर्नओवर वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिये खरीद-बिक्री के मिलान ब्यौरा जमा करना अनिवार्य होता है।

भाषा सुमन मनोहर

मनोहर

 

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