नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सेना के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें उसने अपने दो वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती देश के दो अलग-अलग स्थानों पर की थी। ये दोनों अधिकारी पति-पत्नी हैं।
न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ और न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने कर्नल अमित कुमार की याचिका पर यह निर्णय दिया, जिन्होंने 15 सितंबर को सैन्य सचिव शाखा की तरफ से जारी तैनाती के आदेश को चुनौती दी थी।
यह जानकारी कर्नल अमित के वकील ने दी।
वरिष्ठ वकील राणा मुखर्जी और वकील सुनील जे मैथ्यू कर्नल अमित की ओर से पेश हुए।
मैथ्यू ने बताया कि अदालत ने सेना से याचिका को एक प्रतिवेदन के रूप में विचार करने और दंपति की याचिका पर एक ही या भौगोलिक रूप से करीबी स्थान पर तैनाती के बारे में निर्णय लेने के लिए कहा है।
उन्होंने बताया कि साथ ही अदालत ने सेना को चार सप्ताह के बाद होने वाली सुनवाई के दौरान इस बारे में लिए गए अपने निर्णय से अवगत कराने का भी निर्देश दिया।
मैथ्यू ने बताया कि पीठ ने अगली तारीख तक 15 मई के तैनाती के आदेश पर रोक लगा दी।
कर्नल कुमार और उनकी पत्नी कर्नल अनु डोगरा वर्तमान में जोधपुर में तैनात हैं जबकि इनकी तैनाती क्रमश: अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और पंजाब में करने के आदेश जारी किए गए थे।
भाषा शफीक दिलीप
दिलीप
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