पॉक्सो कानून के तहत दोषी ठहराए गए बुजुर्ग दंपत्ति को उच्च न्यायालय ने दी जमानत | High Court grants bail to elderly couple convicted under POCSO act

पॉक्सो कानून के तहत दोषी ठहराए गए बुजुर्ग दंपत्ति को उच्च न्यायालय ने दी जमानत

पॉक्सो कानून के तहत दोषी ठहराए गए बुजुर्ग दंपत्ति को उच्च न्यायालय ने दी जमानत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : April 12, 2021/11:22 am IST

मुंबई, 12 अप्रैल (भाषा) पिछले महीने एक विशेष अदालत द्वारा अस्सी साल से अधिक उम्र के एक दंपत्ति को यौन शोषण के मामले में 10 साल की सजा सुनाए जाने के बाद बंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी है। दंपति पर अपने चार वर्षीय पड़ोसी का यौन शोषण करने का आरोप है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की एकल पीठ ने पिछले सप्ताह दंपति को जमानत दी और कहा कि रिकॉर्ड पर पेश किए गए साक्ष्यों में कई विसंगतियां थी।

इस साल मार्च में शहर की एक विशेष अदालत ने 2013 के एक मामले में अश्विन (87) और विमलाबेन पारीख (81) को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून (पॉक्सो) के तहत दोषी पाया था और उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी।

दंपति ने विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और जमानत की याचिका दायर की थी।

अदालत द्वारा आठ अप्रैल को पारित आदेश के अनुसार, पीड़ित स्कूल से वापस लौटते समय सितंबर 2013 में दंपति के घर गया था जहां उन्होंने उसका यौन शोषण किया।

पीड़ित की मां ने उसी शाम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

दंपति के वकील दिनेश तिवारी ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किलों के विरुद्ध आरोप गलत हैं और उनका मकान हड़पने के चक्कर में बच्चे के माता पिता ने उन पर आरोप लगाया है।

अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्यों में कई विसंगतियां हैं। अदालत ने दंपति को पचीस-पचीस हजार रुपये का मुचलका भरने का आदेश देते हुए जमानत दी।

भाषा यश मनीषा

मनीषा

 

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