मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ केस वापस लेने का मामला, राज्य सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक | High Court stays government order to withdraw 61 cases against ministers, others

मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ केस वापस लेने का मामला, राज्य सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ केस वापस लेने का मामला, राज्य सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : December 21, 2020/11:26 am IST

बेंगलुरु, 21 दिसम्बर (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के उस आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी जिसके तहत मंत्रियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ 61 मामलों में मुकदमा वापस लेने का फैसला किया गया था। मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति विश्वजीत शेट्टी की खंडपीठ ने कहा, ‘‘हम निर्देश देते हैं कि 31 अगस्त, 2020 के आदेश के आधार पर आगे कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।’’

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अदालत ने सरकार को अगले वर्ष 22 जनवरी तक अपनी आपत्ति दाखिल करने का आदेश दिया। अदालत एक एनजीओ, पीपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टीज की उस याचिका पर यह सुनवाई कर रही थी जिसमें आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत 61 मामलों में मुकदमा वापस लिये जाने संबंधी सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी। मामले की एक दिसम्बर को पिछली सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला दिया था। अदालत ने कहा था कि सीआरपीसी की धारा 321 के तहत कार्रवाई केवल न्यायालय की अनुमति से की जा सकती है।

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अदालत ने कहा था कि यहां तक कि अगर कोई आवेदन सीआरपीसी की धारा 321 के तहत किया जाता है, तो न्यायालय यह आकलन करने के लिए बाध्य हैं कि क्या एक प्रथमदृष्टया मामला बनता है या नहीं और न्यायालय के पास आवेदन खारिज करने का अधिकार है।