नागपुर, नौ जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र में भंडारा जिला अस्पताल के विशेष नवजात देखरेख इकाई में शुक्रवार देर रात आग लगने के बाद अस्पताल के सुरक्षा गार्ड और दमकल कर्मियों की त्वरित कार्रवाई से सात नवजात बच्चों की जान बच गई, हालांकि दुर्भाग्य से 10 अन्य बच्चों की मौत हो गई।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने नागपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताअें से कहा कि नेशनल फायर कॉलेज और विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी), नागपुर के विशेषज्ञ आग के कारणों की जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा गार्ड और दमकल कर्मियों ने त्वरित कार्रवाई की और अस्पताल के वार्ड से सात बच्चों को बचा लिया।’’ उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने संवाददातओं से कहा कि सुरक्षा गार्डों ने सात शिशुओं को बचाने के लिए एक सीढ़ी का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि (अस्पताल के वार्ड के) एयर कंडीशनर में एक चिंगारी के बाद आग लगी। सात शिशुओं को बचा लिया गया क्योंकि सुरक्षा गार्डों ने उन्हें सीढ़ी का उपयोग करके बचाया।’’
फडणवीस ने त्रासदी के पीछे मानवीय चूक को कारण बताते हुए कहा कि मृत शिशुओं के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
इससे पहले दिन में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने संवाददाताओं को बताया कि दस में से कम से कम तीन शिशुओं की मृत्यु झुलसने से हुई, जबकि सात अन्य की मृत्यु अस्पताल के वार्ड में धुएं के चलते दम घुटने से हुई।
टोपे ने कहा कि प्रत्येक मृत शिशु के परिवार के सदस्यों को पांच- लाख रुपये दिये जाएंगे।
भाषा अमित नीरज
नीरज
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)