नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) क्या आप सलाद तैयार करने के बाद खीरे के छिलकों को फेंक देते हैं? सोचिए वे जल्द ही पर्यावरण अनुकूल खाद्य जिंसों की पैकेजिंग सामग्री के रूप में वापस आपकी रसाई में आ सकते हैं। इसे पैकेजिंग सामग्री के रूप में उपयोग में लाने का काम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने किया है।
शोधकर्ताओं की टीम के अनुसार, खीरे के छिलके में अन्य छिलके के अपशिष्ट की तुलना में अधिक सेल्यूलोज सामग्री होती है। इन छिलकों से प्राप्त सेल्युलोज के सूक्ष्म स्फटिकों का उपयोग खाद्य पैकेजिंग सामग्री बनाने के लिए किया जा सकता है जो जैविक रूप से नष्ट होने वाली सामग्री और इसकी पैकिंग में सामग्री नम नहीं होती है।
आईआईटी खड़गपुर की सहायक प्रोफेसर, जयीता मित्रा ने कहा, ‘‘एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग करने से उपभोक्ता बचने लगे हैं, लेकिन वे अभी भी खाद्य पैकेजिंग सामग्री के रूप में एकल प्रयोग के प्लास्टिक का प्रचलन बड़े पैमाने पर जारी है। प्राकृतिक बायोपॉलिमर इस उद्योग में अपना जगह बनाने में नाकाम हैं क्योंकि उसमें मजबूती, लचक और कुछ कुछ जैविक सुरक्षा के तत्व मौजूद नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में, खीरे का सलाद, अचार, पकी हुई सब्जियों या (यहां तक कि) के कच्चे और पेय उद्योग में भी व्यापक उपयोग होता है, जिससे बड़ी मात्रा में इसका छिलका मिलता जो जैव कचरा बन जाता है जबकि उसमें सेल्यूलोज सामग्री भरपूर होती है।
उन्होंने कहा कि हमने नई जैव सामग्री प्राप्त करने के लिए इस प्रसंस्कृत सामग्री से निकाले गए सेल्युलोस, हेमिसेलुलोज, पेक्टिन का उपयोग किया है।
भाषा राजेश राजेश मनोहर
मनोहर
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Edible Oil Price: एक बार फिर तेल के दामों में…
32 mins agoपाक का विदेशी मुद्रा भंडार जून अंत तक नौ से…
52 mins ago