इरेडा ने पीएलआई योजना के तहत सौर विनिर्माण संयंत्र लगाने को लेकर बोलियां आमंत्रित की | IREDA invites bids for setting up solar manufacturing plants under PLI scheme

इरेडा ने पीएलआई योजना के तहत सौर विनिर्माण संयंत्र लगाने को लेकर बोलियां आमंत्रित की

इरेडा ने पीएलआई योजना के तहत सौर विनिर्माण संयंत्र लगाने को लेकर बोलियां आमंत्रित की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : June 11, 2021/12:07 pm IST

नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लि. (इरेडा) ने केंद्र की 4,500 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत सौर विनिर्माण संयंत्र लगाने को लेकर सौर मोड्यूल विनिर्माताओं से बोलियां आमंत्रित की है।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने इरेडा को योजना के लिये क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में सौर फोटो वोल्टिक (पीवी) मोड्यूएल के विनिर्माण को बढ़ावा देने के मकसद से 4,500 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी है।

आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून है। सफल बोलीदाताओं के चयन का काम 30 जुलाई तक पूरा किया जाना है।

एमएनआरई ने एक बयान में कहा, ‘‘नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन आने वाले सार्वजनिक उपक्रम इरेडा ने 4,500 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के तहत सौर विनिर्माण इकाइयां लगाने को लेकर सौर मोड्यूल विनिर्माताओं से बोलियां आमंत्रित की है।’’

इरेडा ने 25 मई को अपनी वेबसाइट पर आवेदन दस्तावेज को लेकर आमंत्रण जारी किया था और इलेक्ट्रॉनिक आवेदन प्रक्रिया 31 मई को शुरू हो गई थी।

आवेदकों को योजना के तहत आबंटित पूरी क्षमता के हिसाब से पुरानी (ब्राउनफील्ड) या नई (ग्रीनफील्ड) विनिर्माण इकाई को स्थापित करने की आवश्यकता है।

योजना के तहत आवेदकों को पुरानी और नई सुविधाओं का मिलाकर विनिर्माण इकाई स्थापित करने की अनुमति नहीं है।

अगर विनिर्माण क्षमता/इकाई के लिए बोली जमा करने की अंतिम तिथि से पहले आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं का आयात किया गया है, तो वह इस पीएलआई योजना के तहत भागीदारी के लिए पात्र नहीं होंगे।

स्थापित की जाने वाली विनिर्माण इकाई की न्यूनतम क्षमता 1,000 मेगावाट होगी। पीएलआई को सफल आवेदकों के बीच सालाना आधार पर पांच साल में वितरित किया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान में सौर क्षमता वृद्धि काफी हद तक आयातित सौर पीवी सेल और मोड्यूल पर निर्भर है क्योंकि घरेलू स्तर पर क्षमता सीमित है।

बयान के अनुसार बिजली जैसे रणनीतिक क्षेत्र में उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मोड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम आयात निर्भरता को कम करेगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मजबूत करेगा।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)