भारत, नॉर्वे समुद्री स्थानिक योजना के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे | India, Norway to work together in the field of marine spatial planning

भारत, नॉर्वे समुद्री स्थानिक योजना के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे

भारत, नॉर्वे समुद्री स्थानिक योजना के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : March 3, 2021/10:34 am IST

नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत और नॉर्वे अगले पांच वर्षों के लिए समुद्री स्थानिक योजना के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे।

उन्होंने लक्षद्वीप और पुडुचेरी की पहचान इस परियोजना के लिए प्रायोगिक स्थलों के रूप में की है।

दोनों देशों ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक योजना बनाई थी कि ऊर्जा, परिवहन, मत्स्य पालन, पर्यटन जैसे कई क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियां समुद्र में प्रभावी, सुरक्षित और सतत ढंग से हो। इसके बाद दोनों देशों के प्रतिनिधियों की पहली परियोजना संचालन समिति की बैठक हाल में डिजिटल तरीके से हुई थी।

यह दोनों देशों के बीच 2019 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के तहत भारत-नॉर्वे एकीकृत महासागर पहल का हिस्सा है।

मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों ने तटीय क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से स्थायी समुद्र संसाधनों के उपयोग के लिए समर्थन बढ़ाने का फैसला किया है।

समुद्री स्थानिक योजना (एमएसपी) के रूप में जानी जाने वाली इस पहल को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र (एसीसीआर) के माध्यम से कार्यान्वित किया जायेगा।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘अपने प्राथमिक चरण में, एनसीसीआर पुडुचेरी और लक्षद्वीप के लिए एक समुद्री स्थानिक योजना ढांचा विकसित करेगा।’’

मंत्रालय ने कहा कि विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने भारत के तटीय क्षेत्रों के लिए एक सामाजिक-लाभकारी पहल एमएसपी के संचालन में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का समर्थन करने में रुचि जाहिर की है।

एमएसपी पहल को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और नॉर्वे के विदेश मंत्रालय के जरिये नॉर्वे की पर्यावरण एजेंसी द्वारा कार्यान्वित किया जायेगा।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

 

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