भारत-ब्रिटेन-स्विट्जरलैंड की टीम ने भारत में पेयजल में आर्सेनिक के खतरे को उजागर किया | India-UK-Switzerland team highlights arsenic threat in drinking water in India

भारत-ब्रिटेन-स्विट्जरलैंड की टीम ने भारत में पेयजल में आर्सेनिक के खतरे को उजागर किया

भारत-ब्रिटेन-स्विट्जरलैंड की टीम ने भारत में पेयजल में आर्सेनिक के खतरे को उजागर किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : October 15, 2020/4:24 pm IST

लंदन, 15 अक्टूबर (भाषा) ब्रिटेन, भारत और स्विट्जरलैंड के शोधकर्ताओं की एक टीम ने भारत के कुओं के जल में आर्सेनिक का पता लगाने के लिए देश केंद्रित, देशव्यापी मॉडल का निर्माण किया है। इसमें देश के उन इलाकों की पहचान की जाएगी जहां पेयजल को लेकर खतरा है।

कुओं से प्राप्त पेयजल में आर्सेनिक के कारण स्वास्थ्य पर बहुत खराब असर होता है। इसमें दुनिया के कई हिस्से और खासकर भारतीय उपमहाद्वीप में कैंसर और हृदय संबंधी रोगों के कारण समय से पहले मृत्यु होना शामिल है।

हालांकि, लाखों कुओं के पानी की जांच किए जाने का अभाव होने के कारण मैनचेस्टर, पटना और ज्यूरिख की टीम ने मिलकर कुओं के डाटा का इस्तेमाल कर पूर्वानुमान मॉडल बनाया, जिसकी परख भारत में की गई।

भारत में राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक बिश्वजीत चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘भारत-ब्रिटेन संयुक्त शोध के परिणाम से जनता को कुएं के पानी में मिलने वाले खतरनाक आर्सेनिक से अवगत कराया जा सकेगा।’’ यह अध्ययन ‘इंटरनेशनल जर्नल फॉर एन्वायरमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ’ में छपा है, जिसके सह-लेखक चक्रवर्ती भी हैं।

टीम द्वारा विकसित मॉडल के माध्यम से उत्तर भारत के गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के बेसिन में कुओं में खतरनाक उच्च आर्सेनिक होने की संभावना की पुष्टि हुई।

साथ ही इस मॉडल के माध्यम से भारत के अन्य क्षेत्रों में भी कुएं के जल में उच्च आर्सेनिक की संभावना का पता लगाया गया, जहां पहले आर्सेनिक के खतरे को सामान्य तौर पर बड़ी चिंता की बात नहीं मानी जाती थी। इन इलाकों में मध्य भारत और दक्षिण पश्चिम भारत के इलाके शामिल हैं।

भाषा नीरज नीरज दिलीप

दिलीप

 

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