भारत ने ब्रिटेन से माल्या और नीरव मोदी का शीघ्र प्रत्यर्पण किए जाने की मांग की | India demands early extradition of Mallya and Nirav Modi from Britain

भारत ने ब्रिटेन से माल्या और नीरव मोदी का शीघ्र प्रत्यर्पण किए जाने की मांग की

भारत ने ब्रिटेन से माल्या और नीरव मोदी का शीघ्र प्रत्यर्पण किए जाने की मांग की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : November 5, 2020/10:58 am IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, पांच नवंबर (भाषा) विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यहां ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल से मुलाकात की और किंगफिशर एअरलाइंस के पूर्व प्रमुख विजय माल्या तथा हीरा व्यापारी नीरव मोदी का भारत को शीघ्र प्रत्यर्पण किए जाने की मांग की।

यूरोप के तीन देशों की यात्रा के आखिरी पड़ाव में श्रृंगला लंदन पहुंचे जहां उन्होंने ब्रिटेन के कई मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बातचीत की। पटेल और दक्षिण एशिया मामलों से संबंधित विदेश मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद के साथ उनकी मुलाकात में भारतीय न्याय प्रणाली का सामना करने के लिए आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठा।

श्रृंगला ने कहा, ‘‘ हमने विजय माल्या के शीघ्र प्रत्यर्पण में अपनी रुचि को रेखांकित किया जो एक आर्थिक अपराधी है और ब्रिटेन में जिसके प्रत्यर्पण की सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। हम चाहेंगे कि वह यथाशीघ्र भारत लौटे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ नीरव मोदी (का प्रत्यर्पण) भी। मैंने लॉर्ड अहमद और गृह मंत्री के सामने यह विषय उठाया और दोनों ने हमारी प्राथमिकता तथा भावनाओं पर ध्यान दिया।’’

माल्या अब बंद हो चुकी किंगफिशर एअरलाइंस द्वारा भारतीय बैंकों से ऋण लिए जाने के संबंध में दर्ज धोखाधड़ी एवं धनशोधन के आरोपों में भारत में वांछित है। ब्रिटिश अदालतें उसे भारत को प्रत्यर्पित किए जाने का आदेश दे चुकी हैं। वह फिलहाल जमानत पर है और पटेल के उसके प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर करने के विचार से पहले वह ‘गोपनीय कानूनी’ मुद्दे से गुजर रहा है।

दूसरी तरफ, नीरव मोदी फिलहाल लंदन की वंड्सवर्थ जेल में है और वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में अपने प्रत्यर्पण के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहा है। वह पंजाब नेशनल बैंक से संबंधित धोखाधड़ी एवं धनशोधन के मामले में आरोपी है।

पेरिस और बर्लिन की यात्रा के बाद श्रृंगला मंगलवार को लंदन पहुंचे और उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण महमारी के बाद भारत-ब्रिटेन टीका साझेदारी, जलवायु परिवर्तन समेत विविध मुद्दों पर बैठकें कीं। उन्होंने इन बैठकों में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के बढ़ते महत्व पर भारत का नजरिया भी सामने रखा।

यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने की पृष्ठभूमि में भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के बारे में विदेश सचिव ने कहा कि इससे ब्रिटेन एवं यूरोपीय संघ के साथ संबंधों को नए सिरे से आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

भाषा राजकुमार नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)