भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल के नौसेना प्रारूप का किया सफल परीक्षण | India successfully test fires naval format of Brahmos missile

भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल के नौसेना प्रारूप का किया सफल परीक्षण

भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल के नौसेना प्रारूप का किया सफल परीक्षण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : October 18, 2020/10:22 am IST

नई दिल्ली। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक नौसेना प्रारूप का भारतीय नौसेना के स्वदेश निर्मित एक विध्वंसक पोत से रविवार को अरब सागर में सफल परीक्षण किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिसाइल ‘आईएनएस चेन्नई’ विध्वंसक पोत से दागी गई और इसने लक्ष्य को पूरी सटीकता से भेद दिया।

पढ़ें- बीजेपी उम्मीदवार की मुश्किलें बढ़ी, भाई के घर से मिला 23 किलो सोना

रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, ‘‘ब्रह्मोस ‘प्रमुख हमलावर शस्त्र’ के रूप में लंबी दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेद कर युद्ध पोत की अपराजेयता को सुनिश्चित करेगा, इस तरह विध्वंसक युद्ध पोत भारतीय नौसेना का एक और घातक प्लेटफार्म बन जाएगा। ’’ ब्रह्मोस एयरोस्पेस, भारत-रूस का संयुक्त उद्यम है। यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन कर रहा है, जो पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से दागी जा सकती हैं।

पढ़ें- 3 IPS अफसरों का तबादला, अवधेश कुमार गोस्वामी शहडोल के नए एसपी.. आदे…

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), ब्रह्मोस एयरोस्पेस और नौसेना को मिसाइल के ‘सफल परीक्षण’ के लिये बधाई दी। डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने भी वैज्ञानिकों को मिसाइल के परीक्षण कार्य में शामिल सभी कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में कई तरह से इजाफा करेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सप्ताह में भारत ने कई मिसाइलों का परीक्षण किया है, जिनमें सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1 शामिल हैं।

पढ़ें- सड़क हादसे में बाल-बाल बचे पूर्व मंत्री बालेंदु शुक्ला, कार एक्सीडे…

भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल शौर्य का भी परीक्षण किया है। रूद्रम-1 के सफल परीक्षण को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि यह भारत का प्रथम स्वदेश विकसित एंटी रेडिएशन हथियार है। मिसाइलों का परीक्षण ऐसे वक्त में किया गया है, जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर गतिरोध चल रहा है। भारत ने 30 सितंबर को ब्रह्मोस के सतह से सतह पर मार करने वाले नये प्रारूप का सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी (जो मूल रूप से थी) से बढ़ाकर 400 किमी की दूरी तक की गई है। भारत ने लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा पर सामरिक महत्व के कई स्थानों पर काफी संख्या में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात किया हैं।