भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति ने बाइडन-हैरिस के प्रचार के लिए बॉलीवुड संगीत का किया इस्तेमाल | Indian-American industrialist uses Bollywood music to promote Biden-Harris

भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति ने बाइडन-हैरिस के प्रचार के लिए बॉलीवुड संगीत का किया इस्तेमाल

भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति ने बाइडन-हैरिस के प्रचार के लिए बॉलीवुड संगीत का किया इस्तेमाल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : November 21, 2020/10:54 am IST

(ललित के. झा)

वाशिंगटन, 21 नवम्बर (भाषा) अमेरिका की सिलिकॉन वैली में बसे एक भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति ने हाल में सम्पन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस का प्रचार करने के लिए बॉलीवुड संगीत का इस्तेमाल किया था।

इससे पहले इस साल की शुरुआत में, अजय जैन भूटोरिया ने कई भाषाओं में कुछ मशहूर बॉलीवुड गीतों का इस्तेमाल कर एक अभियान भी चलाया था, ताकि भारतीय-अमेरिकी बाइडन से अधिक जुड़ाव महसूस करें।

भूटोरिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ ऐसी शिकायतें थी कि भारतीय-अमेरिकी वोट नहीं करते। लेकिन मैंने पूछा, ‘ क्या आप ने उनकी भाषा में उन तक पहुंचने की कोशिश की?’ जब कोई प्रचारक एक मतदाता से उसकी भाषा में बात करता है तो उनके बात सुनने की संभावना अधिक होती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी भारतीय अंग्रेजी बोलते हों। लोग आपसे तभी जुड़ते हैं, जब आप उनसे उनकी भाषा में बात करें।’’

भूटोरिया ने ‘‘ अमेरिका का नेता कैसा हो, जो बाइडन जैसा हो’’, ‘‘ ट्रंप हटाओ, अमेरिका बचाओ’’, ‘‘बाइडन-हैरिस को जिताओ, अमेरिका को आगे बढ़ाओ’’ और ‘‘जागो अमेरिका जागो- बाइडन हैरिस को वोट दो’’ , जैसे नारे 14 भारतीय भाषाओं में जारी किए थे।

भूटोरिया और उनकी पत्नी विनीता ने एक वीडियो, ‘‘ चले चलो, चले चलो बाइडन हैरिस को वोट दो’’ भी जारी किया था, जो भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बीच काफी लोकप्रिय हुआ।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार अभियान में पहली बार दक्षिण-एशियाई संगीत का इस्तेमाल किया गया।

भूटोरिया ने कहा कि लोग संगीत, भोजन, भाषा और संस्कृति से अधिक जल्दी जुड़ते हैं।

भूटोरिया का जन्म राजस्थान में हुआ और वह असम के गुवाहाटी में पले-बढ़े।

अपने पिता से प्रेरित भूटोरिया भी अनके प्रवासियों की तरह एक सूटकेस और खाली जेब के साथ असीमित अवसरों की तलाश में अमेरिका पहुंचे।

भाषा निहारिका पवनेश

पवनेश

 

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