इंडियन की फिलहाल शेयर वापस खरीदने की कोई योजना नहीं | Indian has no plans to buy back shares at present

इंडियन की फिलहाल शेयर वापस खरीदने की कोई योजना नहीं

इंडियन की फिलहाल शेयर वापस खरीदने की कोई योजना नहीं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : November 2, 2020/2:03 pm IST

नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की फिलहाल शेयरधारकों से शेयर वापस खरीदने की कोई योजना नहीं है लेकिन यदि ऐसा कोई आदेश उसे मिलता है तो इस पर विचार करेगी। कंपनी के निदेशक (वित्त) संदीप कुमार गुप्ता ने सोमवार को यह कहा।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश के जरिये रिकार्ड 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के मद्देनजर सरकार ने नकदी संपन्न सार्वजनिक उपक्रमों से उनके जारी किये गये शेयरों की वापस खरीद करने को कहा है ताकि कोरोना वायरस से प्रभावित केन्द्र सरकार के खजाने की स्थिति में कुछ सुधार लाया जा सके।

निवेशकों और विश्लेषकों के साथ वीडियो कन्फ्रेंस के जरिये उनके सवालों का जवाब देते हुये गुप्ता ने कहा कि सरकार ने कंपनी से शेयरों की वापस खरीद करने के लिये नहीं कहा है। आईओसीएल में सरकार बहुमत शेयरधारक है।

गुप्ता ने कहा, ‘‘शेयर बायबैंक की हमारी तुरंत कोई योजना नहीं है।’’

विश्लेषकों का मानना है कि आईओसी में बायबैंक को लेकर हो सकता है सरकार की ज्यादा रुचि नहीं हो क्योंकि कंपनी में उसकी हिस्सेदारी 51.5 प्रतिशत है। सरकार कंपनी में अपनी कम से कम 51 प्रतिशत हिस्सेदारी बनाये रखना चाहेगी, ऐसे में बायबैक को लेकर उसके पास अधिक गुंजाइश नहीं बचती है।

समझा जाता है कि सरकार नकदी संपन्न कुछ सार्वजनिक उपक्रमों को शेयरों की बायबैक योजना को अमल में लाने के लिये कहने वाली है। इन उपक्रमों में कोल इंडिया लिमिटेड, बिजली उत्पादन करने वाली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड, खनिज उत्खनन करने वाली कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड, मॉयल लिमिटेड, केआईओसीएल लिमिटेड और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड शामिल हो सकते हैं। सरकार इन कंपनियों में सबसे बड़ी शेयरधारक है। ये कंपनियां यदि शेयरों को वापस खरीदती हैं तो सरकार अपने हिस्से के कुछ शेयर वापस कंपनियों को बेचकर नकदी जुटा सकती है।

कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिये इस साल की शुरुआत में देशव्यापी लॉकडाउन लगा दिया गया था। इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं। सरकार के खजाने पर भी इसका असर पड़ा। यही वजह है कि सरकार अपनी संपत्तियों की बिक्री कर नकदी जुटाने का प्रयास कर रही है। चालू वित्त वर्ष के लिये तय 2.1 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य में से अब तक मात्र तीन प्रतिशत राजस्व ही वह जुटा पाई है।

गुप्ता ने कहा कि यदि सरकार की तरफ से कहा जायेगा तो आईओसीएल का निदेशक मंडल शेयर बॉयबैंक पर विचार करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि शेयर की वापस खरीद होती भी है तो भी चालू वित्त वर्ष के कंपनी के पूंजीखर्च की योजना पर कोई प्रभाव नहीं होगा। कंपनी की 2020-21 के दौरान 22,000 करोड़ रुपये के पूंजीव्यय की योजना है।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

 

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