चालू वित्त वर्ष में आईपीओ ज्यादातार माहामारी के दौरान मजबूती से टिकी रहने वाली कंपनियों के: त्यागी | IpOs in current fiscal to be firmly underpinned by IPO high-speed months: Tyagi

चालू वित्त वर्ष में आईपीओ ज्यादातार माहामारी के दौरान मजबूती से टिकी रहने वाली कंपनियों के: त्यागी

चालू वित्त वर्ष में आईपीओ ज्यादातार माहामारी के दौरान मजबूती से टिकी रहने वाली कंपनियों के: त्यागी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : February 25, 2021/1:44 pm IST

नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने बृहस्पतिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में जो आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) आये, वे उन कंपनियों के थे जो महामारी के दौरान मजबूत बनी रही या जिनका कामकाज तेजी से पटरी पर आया।

इस वित्त वर्ष में जनवरी 2021 तक कुल 18 आईपीओ सूचीबद्ध हुए।

उन्होंने कहा कि ज्यादातर आईपीओ प्रौद्योगिकी, विशेष प्रकार के रसायन बनाने वाली कंपनियों, स्वास्थ्य, कुछ वित्तीय उप-क्षेत्रों की कंपनियां एवं अन्य क्षेत्रों की कंपनियों के थे।

सेबी-एनआईएसएम सम्मेलन को संबोधित करते हुए त्यागी ने कहा कि इसके अलावा बाजार में बेहतर तरीके से स्थापित कंपनियों ने भी आईपीओ के जरिये कोष जुटाये।

उन्होंने यह भी कहा कि आईपीओ में निवेशकों की अच्छी रूचि देखने को मिली।

त्यागी ने कहा, ‘‘प्रत्येक आईपीओ को अच्छा अभिदान मिला। हर आईपीओ को कम-से-कम दो गुना अभिदान मिला। कुल 18 आईपीओ में से छह यानी एक तिहाई को 100 गुना से अधिक अभिदान मिला। इन छह आईपीओ में से पांच को 150 गुना से अधिक अभिदान मिला।’’

सूचीबद्धता के बाद आईपीओ के प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा कि कुल 18 आईपीओ में से 14 निर्गम मूल्य के मुकाबले ऊंचे मूल्य पर सूचीबद्ध हुए। इन 14 में से तीन का मूल्य 100 प्रतिशत से अधिक चढ़ा।

इस साल जनवरी में सूचीबद्ध दो आईपीओ को छोड़कर अन्य 16 आरंभिक सार्वजनिक निर्गम फिलहाल निर्गम मूल्य से ऊंचे पर कारोबार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस वित्त वर्ष में जनवरी 2021 तक कंपनियां इक्विटी और बांड बाजारों के जरिये 8.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटा चुकी हैं। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले करीब 40,000 करोड़ रुपये अधिक है।

त्यागी ने कहा, ‘‘कंपनी बांड के जरिये जनवरी तक जुटाया गया कोष इक्विटी के माध्यम से जुटायी गयी राशि का लगभग दोगुना है…।’’

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर

 

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