मुंबई, 29 अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से स्पष्ट करने को कहा कि क्या कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के लिये कैदियों के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है।
अदालत ने कहा कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से कैदियों को टीका देने से वंचित नहीं रखा जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि टीकाकरण के लिये कैदियों के पास दस्तावेज होने की अनिवार्यता एक “महत्वपूर्ण नीतिगत मामला है जिसका अखिल भारतीय प्रभाव होगा।”
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की एक पीठ को जब यह बताया गया कि वैध आधार कार्ड नहीं होने की वजह से कई कैदियों का टीकाकरण नहीं हो पा रहा तो पीठ ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से यह सवाल पूछा।
प्रदेश भर की जेलों में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये पीठ ने स्वत: संज्ञान संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका पर यह सुनवाई की।
भाषा
प्रशांत अनूप
अनूप
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