रिजर्व बैंक के लिये फिलहाल वृद्धि को समर्थन देना सबसे महत्वपूर्ण: दास | It is most important for rbi to support growth for the time being: Das

रिजर्व बैंक के लिये फिलहाल वृद्धि को समर्थन देना सबसे महत्वपूर्ण: दास

रिजर्व बैंक के लिये फिलहाल वृद्धि को समर्थन देना सबसे महत्वपूर्ण: दास

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : April 7, 2021/3:08 pm IST

मुंबई, सात अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि फिलहाल आर्थिक वृद्धि उसके लिये सबसे महत्वपूर्ण है और पुनरूद्धार को बनाये रखने के लिये वह पर्याप्त नकदी तथा सस्ता कर्ज सुनिश्चित करने समेत हर जरूरी कदम उठाएगा।

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की और प्रमुख नीतिगत दर रेपो को लगातार पांचवीं बार 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने संवाददाताओं को ‘ऑनलाइन’ संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अभी उनके लिये वृद्धि सबसे अहम है और पुनरूद्धार को बनाये रखने के लिये जो भी जरूरी होगा, हम कदम उठाएंगे।’’

हालांकि उन्होंने तुरंत यह भी कहा कि मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप रखना भी महत्वपूर्ण है।

दास ने कहा, ‘‘सरकार ने 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य को बरकरार रखा है। इससे हमारे लिये वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिये नीति के मोर्चे पर पर्याप्त गुंजाइश है। इसका कारण यह है कि अभी वृद्धि के हाल के समय की तुलना में नीचे जाने का जोखिम ज्यादा है…अत: इससे वृद्धि हमारे लिये काफी महत्वपूर्ण है।’’

केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने के अनुमान को बरकरार रखा है। उसने कहा कि दो महीने पहले जताये गये इस अनुमान को संशोधित करना अभी जल्दबाजी होगी।

यह पूछे जाने पर कि मुद्रास्फीति में वृद्धि की आशंका (पहली छमाही में 5.2 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 4.4 प्रतिशत है, इसके बावजूद वृद्धि पर जोर के साथ अनिश्चित अवधि के लिये नरम रुख को रखा गया है, दास ने कहा, ‘‘हम तबतक नरम रुख रखेंगे जबतक आर्थिक वृद्धि टिकाऊ नहीं हो जाती और हम इसे हासिल करने के लिये जो भी जरूरी होगा, कदम उठाएंगे।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मुद्रास्फीति पहले से स्थिर है और नियम के दायरे में बनी हुई है। यही स्थिति मुद्रास्फीति के अनुमान को लेकर है। यह इस तथ्य से बिल्कुल साफ है कि सरकार ने 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत रखने के लक्ष्य को बरकरार रखा है।’’

दास ने कहा, ‘‘यह नियम आरबीआई को मौजूदा महामारी जैसी किसी भी असाधारण स्थिति से निपटने के लिये पर्याप्त नीतिगत गुंजाइश उपलब्ध कराता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा स्तर पर वृद्धि काफी अहम है। साथ मुद्रास्फीति का लक्ष्य को ध्यान में रखना भी महत्वपूर्ण है। आखिर मौद्रिक नीति का प्राथमिक लक्ष्य मुद्रास्फीति को एक निश्चत स्तर पर बनाये रखना है।’’

हालांकि गवर्नर ने यह स्वीकार किया कि मुद्रास्फीति परिदृश्य अनिश्चित बना हुआ है।

यह पूछे जाने पर कि आरबीआई कब निम्न रिवर्स रेपो व्यवस्था से बाहर निकलेगा, दास ने कहा, ‘‘यह समय पर निर्भर करेगा। मैं अभी यह कह सकता हूं कि हम नरम रुख अपनाये हुए हैं और जबतक जरूरत होगी, इसे बनाये रखेंगे…।’’

डिप्टी गवर्नर माइकल डी पात्रा ने इस सवाल का कोई सीधा जवाब दिये बिना कहा कि जब कभी रिवर्स रेपो परिचालन में होता है, नीति का रुख नरम होता है।

एक सवाल के जवाब में पात्रा ने कहा, ‘‘हमारी नकदी की स्थिति पर नजर है। हम संतुलित कदम को लेकर ध्यान रखेंगे।’’

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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