जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री के साथ हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर नजरिया साझा किया | Jaishankar shares outlook on Indo-Pacific region with Russian Foreign Minister

जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री के साथ हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर नजरिया साझा किया

जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री के साथ हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर नजरिया साझा किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : April 6, 2021/12:07 pm IST

नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ परमाणु, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही भागीदारी सहित द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों और भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारियों को लेकर विस्तृत चर्चा की।

जयशंकर ने लॉवरोव से बातचीत के दौरान हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर भारत का नजरिया साझा किया ।

लावरोव सोमवार की शाम को भारत की करीब 19 घंटे की यात्रा पर यहां पहुंचे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष के साथ वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ बातचीत व्यापक और सार्थक रही ।’’

जयशंकर से बातचीत के बाद लॉवरोव ने, रूस और चीन के बीच भविष्य में सैन्य गठजोड़ को लेकर लगाई जा रही अटकलों को खारिज कर दिया ।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने ऐसी अटकलें सुनी है जिसमें न केवल रूस और चीन के संबंध में सैन्य गठजोड़ की बात कही गई है बल्कि कथित तौर पर पश्चिम एशिया-नाटो और एशिया- नाटो को बढ़ावा देने की बात भी कही गई है । ’’

लॉवरोव ने कहा ‘‘ हमने अपने भारतीय मित्रों के साथ इस बारे में विचारों का आदान प्रदान किया और दोनों पक्षों का इस बारे में एक जैसा रूख है । ’’

रूसी विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हम समावेशी सहयोग को लेकर आशान्वित हैं, किसी के खिलाफ नहीं हैं। ’’

वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारी ज्यादातर बातचीत इस साल के आखिर में होने जा रहे भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के बारे में हुई ।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हमने परमाणु, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही भागीदारी के बारे में बातचीत की ।’’

उन्होंने कहा ‘‘ हमने तेजी से बढ़ते हमारे ऊर्जा सहयोग पर चर्चा की तथा क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया ।’’

जयशंकर ने कहा कि बातचीत के दौरान उन्होंने अफगानिस्तान पर अपने रुख से रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को अवगत कराया ।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में जो कुछ घट रहा है, उसका असर सीधे भारत की सुरक्षा पर पड़ेगा ।

उन्होंने कहा ‘‘ हमने अपने रूख को साझा किया जो अफगानिस्तान में स्थायी शांति के बारे में है और उस देश के भीतर और आसपास सभी पक्षों को साथ लेकर चलने से जुड़ा हुआ है । ’’

जयशंकर ने कहा कि वहां राजनीतिक समाधान निकलने का मतलब स्वतंत्र, सम्प्रभु, एकजुट और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान से है ।

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने कोविड-19 रोधी टीकों के बारे में सहयोग को लेकर भी चर्चा की ।

जयशंकर ने लावरोव के साथ बातचीत के बाद कहा, ‘‘ मैंने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर हमारा नजरिया भी साझा किया । ’’

वहीं, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव ने कहा, ‘‘ हम आपसी सहयोग को और गहरा बनाने पर ध्यान केंद्रित किये हुए हैं । हमने ‘मेड इन इंडिया’ के तहत भारत में रक्षा क्षेत्र में सहयोग एवं हथियारों के विर्निर्माण के बारे में चर्चा की । ’’

इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दोनों विदेश मंत्रियों की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ दीर्घकालिक एवं समय की कसौटी पर खरे उतरे सहयोगी। विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का स्वागत किया।’’

लावरोव की यात्रा से पहले रूसी दूतावास ने सोमवार को कहा था कि शुभेच्छा, आम सहमति और समानता के सिद्धांतों पर आधारित सामूहिक कार्यों को रूस काफी महत्व देता है और टकराव एवं गुट (ब्लॉक) बनाने जैसे कार्यों को खारिज करता है ।

गौरतलब है कि भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में समुद्री जल क्षेत्र में सहयोग को लेकर क्वाड समूह बनाया है ।

दूतावास ने कहा कि भारत के साथ खास सामरिक गठजोड़ रूस की विदेश नीति की प्राथमिकताओं में शामिल है।

रूसी दूतावास ने कहा कि लावरोव अपनी यात्रा के दौरान आगामी उच्च स्तरीय बैठकों, द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों सहित साल 2019 में हुए 20वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के परिणामों के अनुपालन पर व्यापक चर्चा करेंगे।

गौरतलब है कि भारत और रूस का वार्षिक शिखर सम्मेलन पिछले वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण नहीं हो सका था।

भाषा दीपक दीपक मनीषा

मनीषा

 

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