आपातकाल में जबरिया नसबंदी से पनपा जनाक्रोश भी था कांग्रेस की चुनावी हार का कारण : तन्खा | Janakrosh, which was also caused by forced sterilization in emergency, was the reason for Congress' electoral defeat: Tankha

आपातकाल में जबरिया नसबंदी से पनपा जनाक्रोश भी था कांग्रेस की चुनावी हार का कारण : तन्खा

आपातकाल में जबरिया नसबंदी से पनपा जनाक्रोश भी था कांग्रेस की चुनावी हार का कारण : तन्खा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : July 17, 2021/2:17 pm IST

इंदौर (मध्य प्रदेश), 17 जुलाई (भाषा) राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने शनिवार को कहा कि देश में 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान कांग्रेस नेता संजय गांधी के जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जबरिया नसबंदी से लोगों में गुस्सा पनपा था। उन्होंने कहा कि यह जनाक्रोश आपातकाल खत्म होने के बाद 1977 के आम चुनावों में इंदिरा गांधी नीत कांग्रेस की हार के कारणों में शामिल था।

तन्खा ने इंदौर प्रेस क्लब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आपको याद होगा कि आपातकाल के वक्त संजय गांधी जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम लेकर आए थे। वह कार्यक्रम अच्छा था। लेकिन इसका समय और तरीका ठीक नहीं था क्योंकि आपने आम लोगों पर नसबंदी कराने के लिए दबाव डाला जिससे उनमें गुस्सा पनपा। इसके बाद के चुनावों में कांग्रेस की हार का यह (जनाक्रोश) भी एक कारण था।’’

उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण कानून पर कहा, ‘‘इन दिनों जनसंख्या नियंत्रण के अहम विषय को वोट की राजनीति से जोड़ा जा रहा है। लेकिन इसे वोट की राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि यह विषय समूचे देश से जुड़ा है।’’

राज्यसभा सदस्य ने हालांकि कहा कि वह ‘‘एक देशभक्त के रूप में’’ जनसंख्या नियंत्रण के उपाय किए जाने के पक्ष में हैं और ‘कोई भी सियासी पार्टी देश से बड़ी नहीं है’। उन्होंने कहा, ‘अगर हम जनसंख्या नियंत्रण नहीं करेंगे, तो भारत में ऑस्ट्रेलिया जितनी आबादी हर साल बढ़ जाएगी। फिर आप कितना भी विकास कर लीजिए और कितना भी कर वसूल लीजिए, देश गरीब का गरीब ही रहेगा।’

देश में अंग्रेजों के जमाने से चल रहे राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाते हुए वरिष्ठ वकील तन्खा ने कहा कि पिछले कई बरसों से लगातार दुरुपयोग के जरिये इस कानून को मजाक बना दिया गया है।

कमलनाथ को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों पर तन्खा ने कहा कि इस विषय में हालांकि पार्टी आलाकमान को फैसला करना है, लेकिन कमलनाथ की क्षमताओं पर उन्हें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा, ‘अगर कांग्रेस में कोई सबसे वरिष्ठ व अनुभवी नेता है और जिसके पास संसाधनों का भंडार है, तो वह कमलनाथ ही हैं।’

उन्होंने एक सवाल पर चुनाव आयोग को केंद्र सरकार की ‘कठपुतली’ बताया और कहा कि सरकारी संस्थानों के काम-काज में अनुचित दखलंदाजी इस हद तक बढ़ गई है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियां सत्तारूढ़ भाजपा की ‘विस्तारित शाखाएं’ प्रतीत होती हैं।

खुद को कश्मीरी पंडित समुदाय का एकमात्र सांसद बताते हुए तन्खा ने कहा, ‘कश्मीर समस्या का स्थायी हल तभी निकल सकेगा, जब विस्थापित कश्मीरी पंडितों को उनकी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करते हुए घाटी में फिर बसाया जाएगा।’

भाषा हर्ष अर्पणा

अर्पणा

 

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