जमाखोरी रोकने के लिये जूट नियामक की तलाशी अभियान की योजना | Jute regulator plans search operation to check hoarding

जमाखोरी रोकने के लिये जूट नियामक की तलाशी अभियान की योजना

जमाखोरी रोकने के लिये जूट नियामक की तलाशी अभियान की योजना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : November 15, 2020/2:23 pm IST

कोलकाता, 15 नवंबर (भाषा) जूट की जमाखोरी रोकने के लिये इस उद्योग के नियामक ने तलाशी और जब्ती अभियान चलाने की योजना बनायी है। एक अधिकारी ने रविवार को इसकी जानकारी दी।

नियामक ने आदेश दिया था कि कच्चे जूट का 17 नवंबर से 500 क्विंटल से अधिक भंडारण नहीं किया जा सकता है। नियामक ने यह आदेश जूट की जमाखोरी रोकने के लिये दिया था। अब तलाशी और जब्ती की योजना इसी आदेश पर सख्ती से अमल कराने के लिये तैयार की गयी है।

जूट आयुक्त के कार्यालय ने इससे पहले अगस्त में भंडारण की सीमा 1,500 क्विंटल निर्धारित की थी। बाद में छह नवंबर के आदेश में सीमा को घटाकर 500 क्विंटल कर दिया गया। आयुक्त कार्यालय ने छह नवंबर को जारी आदेश में भंडारण करने वालों को 10 दिन में भंडार कम करने के लिये कहा था।

यह आदेश ऐसे समय में आया है, जब कच्चे जूट का भाव छह हजार रुपये प्रति क्विंटल से भी ऊपर निकल गया है। इससे जूट के बोरे बनाने वालों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

जूट आयुक्त कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमारी योजना भंडारण सीमा को उचित तरीके से अमल में लाने के लिये निहितस्वार्थ वाली शक्तियों का इस्तेमाल कर तलाशी व जब्ती अभियान चलाने की है। हम इसके लिये तैयार रहेंगे और किसी भी समय इसके संबंध में कदम उठा सकते हैं क्योंकि भंडारण संबंधी नया आदेश 17 नवंबर से अमल में आने वाला है।’’

प्राप्त खुफिया जानकारियों के आधार पर नियामक का मानना है कि कच्चे जूट के भाव में अचानक आयी तेजी का कारण बिचौलियों के द्वारा जमाखोरी किया जाना है। किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

जुट आयुक्त कार्यालय का कहना है कि कच्चे जूट की कीमत 5,600 से 5,700 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे से ऊपर नहीं जानी चाहिये।

इस बीच जूट बेलर एसोसिएशन ने भंडारण की नयी सीमा लागू किये जाने के विरोध में 23 नवंबर से सारी व्यापारिक गतिविधियां स्थगित करने की घोषणा की है।

भाषा सुमन मनोहर

मनोहर

 

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