तिरुवनंतपुरम, तीन मई (भाषा) केरल ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि रुपहले परदे की तड़क-भड़क चुनाव जीतने के लिए काफी नहीं है। छह अप्रैल को संपन्न हुए राज्य विधानसभा के चुनाव में यूं तो कई ऐसी हस्तियों ने हाथ आजमाया लेकिन जब रविवार को नतीजे आए तो उनमें से ज्यादातर को असफलता ही हाथ लगी जबकि कुछ अपनी छाप छोड़ने में कामयाब भी हुए।
फिल्म अभिनेता मुकेश और के बी गणेश ने सत्ताधारी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की जबकि जाने माने कलाकार मणि सी कप्पन ने संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के टिकट पर जीत दर्ज की। लोकप्रिय गायक डलीमा जोजो ने एलडीएफ के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की।
इनके अलावा चुनावी जंग में हाथ आजमाने वाले सभी अभिनेताओं व कलाकारों को मुंह की खानी पड़ी। इनमें सुरेश गोपी, जाने माने हास्य कलाकार धर्मजन बोलगट्टी, अभिनेत्री प्रियंका अनूप, कलाकार कृष्णकुमार और टेलीविजन कलाकार विवेक गोपन शामिल हैं।
थियेटर जगत के नामचीन कलाकार रहे दिवंगत ओ माध्यावन के पुत्र मुकेश ने कोल्लम विधानसभा सीट से जीत दर्ज की जबकि के बी गणेश ने पथनपुरम से जीत हासिल की। गणेश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के ज्योतिकुमार चामकला को 14,000 मतों के अंतर से पराजित किया।
भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य सुरेश गोपी ने त्रिशूर से किस्मत आजमाई लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे। हालांकि, शुरुआती चरणों में उन्हें खासा मत मिले थे और अंतत: सम्मानजनक समर्थन भी मिला लेकिन वह जीत के लिए नाकाफी था।
तिरुवनंतपुरम सीट पर भाजपा ने टेलीविजन के जाने माने सितारे जी कृष्णकुमार पर दांव लगाया था लेकिन वह कोई खास करिश्मा नहीं कर सके और तीसरे स्थान पर रहे।
बोलगट्टी ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में बालूसेरी से भाग्य आजमाया लेकिन उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी। वह दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें वाम नेता के एम सचिन देव ने पराजित किया।
प्रियंका अनूप और विवेक गोपन को क्रमश: अरूर और चावरा में हार का सामना करना पड़ा।
पाला के विधायक और निर्माता व अभिनेता मणि सी कप्पन एलडीएफ छोड़ यूडीएफ के खेमे में आ गए थे। उन्होंने केरल कांग्रेस (एम) के प्रमुख जोस के मणि को पराजित किया। कप्पन 25 से अधिक फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं और लगभग 12 फिल्मों के निर्माता रह चुके हैं।
पड़ोस के राज्य तमिलनाडु में जहां अभिनेताओं ने राजनीति में कदम रख एक विशेष छाप छोड़ी है, उसके विपरीत केरल में कलाकारों को कम ही चुनावी सफलता मिल सकी है।
भाषा ब्रजेन्द्र
ब्रजेन्द्र दिलीप
दिलीप
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