कू ने समयसीमा से पहले नये नियमों का पालन किया | Ku followed the new rules before the deadline

कू ने समयसीमा से पहले नये नियमों का पालन किया

कू ने समयसीमा से पहले नये नियमों का पालन किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : May 22, 2021/10:09 am IST

नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू ने शनिवार को कहा कि उसने इस महीने के आखिर में निर्धारित समयसीमा से पहले डिजिटल मंच के लिए नये दिशानिर्देशों का पालन कर लिया है।

गौरतलब है कि सरकार ने गत 25 फरवरी को फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए ज्यादा कड़े नियमों की घोषणा की थी जिसके तहत उन्हें अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट की गयी सामग्री को 36 घंटे में हटाना पड़ेगा और भारत में कार्यरत किसी अधिकारी के साथ एक शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना करनी पड़ेगी।

कू ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उसकी निजी नीति, उपयोग की शर्तें और सामुदायिक दिशानिर्देश महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंचों पर लागू होने वाले नियमों की जरूरतों का पालन करते हैं। कू के करीब 60 लाख उपयोगकर्ता हैं जिसके साथ वह नये दिशानिर्देशों के अधीन आने वाले मंचों में एक बन जाती है।

कंपनी ने कहा, ‘इसके अलावा कू ने एक सम्यक जांच-पड़ताल और शिकायत निवारण तंत्र लागू किया है और भारत में रहने वाला एक मुख्य अनुपालन अधिकारी, एक नोडल अधिकारी और एक शिकायत अधिकारी इसका हिस्सा होंगे।’

सरकार ने ‘महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंच’ की परिभाषा तय करते हुए कहा था कि इसके लिए पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या कम से कम 50 लाख होनी चाहिए। सोशल मीडिया के इन मंचों को नये सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत अतिरिक्त दायित्वों का पालन करना होगा जिनका उद्देश्य इन मंचों के दुरुपयोग पर रोक लगाना है।

सरकार ने फरवरी में ये दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा था कि नये नियम तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और इस तरह के सोशल मीडिया प्रदाताओं को इनका पालन शुरू करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा।

कू के सह-संस्थापक एवं मुख्य अधिशासी अधिकारी अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा कि कंपनी एक ऐसा उत्पाद खड़ा कर रही जिसमें पहला स्थान भारत का होगा। उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और सुविधा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

यह साइट अप्रमेय ने मयंक भारद्वाज के साथ मिल कर खड़ी की है।इसमें हिंदी, तेलुगू और बांग्ला तथा अन्य भारतीय भाषाओं में संवाद करने की सुविधा की क गयी है।

भाषा

प्रणव मनोहर

मनोहर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)