दमोह विधानसभा चुनाव हार को मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं ने अंदरूनी षडयंत्र बताया | Madhya Pradesh BJP leaders term Damoh assembly election defeat as an internal conspiracy

दमोह विधानसभा चुनाव हार को मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं ने अंदरूनी षडयंत्र बताया

दमोह विधानसभा चुनाव हार को मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं ने अंदरूनी षडयंत्र बताया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : May 3, 2021/12:04 pm IST

भोपाल, तीन मई (भाषा) मध्य प्रदेश के भाजपा नेता एवं केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल तथा प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राज्य की दमोह विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा की हार के लिए सोमवार को पार्टी की अंदरूनी षडयंत्रकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।

इनके अलावा, भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी ने भी इस सीट पर अपनी हार के लिए सीधे तौर पर दमोह के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जयंत मलैया को जिम्मेदार ठहराया और उनको पार्टी से निष्कासित करने की मांग की।

दमोह विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सत्तारूढ़ भाजपा के उम्मीदवार राहुल सिंह लोधी को 17,097 मतों से हराया है और इस सीट पर पार्टी की जीत बरकरार रखी। इसका परिणाम रविवार को आया है।

मिश्रा ने ट्वीट किया, ‘‘दमोह नहीं हारे हैं हम, छले गए छलछन्दों से। इस बार लड़ाई हारे हैं हम, अपने घर के जयचंदों से।’’

उन्होंने कहा कि दमोह की जीत पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ज्यादा ख़ुशी नहीं मनाए।

मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को पूरे देश में कांग्रेस का जो सफाया हुआ है, उस पर भी चिंतन करना चाहिए।

वहीं, केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने ट्वीट किया, ‘‘दमोह चुनाव परिणाम ने भविष्य की चुनौतियों, षड्यंत्रों और कार्यप्रणाली में सुधार के स्पष्ट संकेत दिए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी कार्यकर्ता अपनी परिश्रम की मूलसामर्थ्य और विद्वेषरहित कार्यप्रणाली से इनका समाधान खोजेंगे।’’

पटेल ने भाजपा को मतदान और सहयोग करने वाले सभी दमोहवासियों को धन्यवाद भी दिया। दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए 17 अप्रैल को मतदान हुआ था।

राहुल सिंह लोधी 2018 में हुए चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गये थे, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे। इसी वजह से यह सीट रिक्त हो गई थी।

लोधी ने उपचुनाव हारने के बाद रविवार देर रात मीडिया को बताया, ‘‘दमोह के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जयंत मलैया तथा उनके परिवार के कारण मैं चुनाव हारा हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मलैया 35 वर्षों से राजनीति कर रहे हैं और मैं उनके ही वार्ड में हार गया। इस वार्ड को हम कभी नहीं हारे थे। उन्हें बताना चाहिए कि मैं उनका वार्ड कैसे हारा? मलैया को शहरी क्षेत्र की जिम्मेदारी दी थी तो शहरी क्षेत्र में कैसे हारे?’’

लोधी ने आगे कहा, ‘‘मैं तो खुले रूप से आरोप लगाता हूं कि मलैया परिवार की पूरी रणनीति सफल हुई, और भाजपा दमोह से हारी। मैं तो स्पष्ट कहता हूं और मांग करता हूं कि ऐसे लोगों को पार्टी से निष्कासित करना चाहिए।’’

लोधी ने कांग्रेस की टिकट पर वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के जयंत मलैया को दमोह सीट से हराया था। लेकिन बाद में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गये और इस उपचुनाव में भाजपा की टिकट पर लड़े थे।

भाषा रावत रंजन

रंजन

 

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