जबलपुर, 22 फरवरी (भाषा) ईंधन की कीमतों में कमी की मांग को लेकर सोमवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल में मिलाये गये इथेनॉल पर भारी कर देना पड़ रहा है।
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) नागरिक उपभोक्ता मार्गरक्षक मंच के समन्वयक एवं याचिकाकर्ता मनीष शर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इथेनॉल पर 5 से 7 प्रतिशत कर लगता है लेकिन उपभोक्ताओं से इथेनॉल मिश्रित प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल पर 25 से 35 प्रतिशत कर वसूला जा रहा है। इस कारण उपयोक्ता को अंतत: ईंधन की खरीद पर कर के रूप में 4 से 5 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति के तहत प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल में इथेनॉल का 6 से 7 प्रतिशत मिश्रण करती हैं। जबकि पेट्रोल पम्पों के खरीद बिल में पेट्रोल और डीजल में मिश्रित इथेनॉल का कोई विवरण नहीं होता है।
शर्मा ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री और तेल कंपनियों को कानूनी नोटिस जारी कर उस नीति के बारे में जानकारी मांगी थी जिसके तहत उपभोक्ताओं को ईंधन में मिश्रित इथेनॉल के लिए कर लगाया गया था लेकिन केवल एक फर्म ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने इस संबंध में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया।
मालूम हो कि भोपाल में इथेनॉल मिश्रित प्रीमियम पेट्रोल की कीमत 102 रुपये प्रति लीटर से अधिक है जबकि सामान्य पेट्रोल और डीजल की कीमत क्रमश: 98 और 89 रुपये है।
भाषा सं दिमो अर्पणा
अर्पणा
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