मुंबई, आठ जून (भाषा) महाराष्ट्र भाजपा के एक पदाधिकारी ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार को महामारी से प्रभावित लोगों और पेशेवरों के लिए राहत पैकेज के रूप में उस 7,000 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग करना चाहिए, जिसको कोविड-19 टीके खरीदने के लिए खर्च करने की योजना थी।
राज्य भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार पहले ही राज्य की पूरी आबादी के लिए टीके खरीदने की तैयारी की घोषणा कर चुकी थी।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, केंद्र सरकार ने अब राज्यों को मुफ्त टीके की आपूर्ति करने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि महाराष्ट्र द्वारा निर्धारित 7,000 करोड़ रुपये की राशि बच गई है। इस राशि का उपयोग लॉकडाउन प्रभावित लोगों के लिए राहत पैकेज के रूप में किया जाना चाहिए।’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार 21 जून से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के टीकाकरण के लिए राज्यों को मुफ्त कोरोना वायरस टीका प्रदान करेगी।
उपाध्याय ने कहा कि महाराष्ट्र में अप्रैल के मध्य से ‘लॉकडाउन’ लगा हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘लाखों लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है या पर्याप्त पैसा नहीं कमा सके हैं। सरकार को अब इस पैसे से इन लोगों की मदद करनी चाहिए, जो अब टीकों की खरीद के लिए आवश्यक नहीं हैं।’
उपाध्याय ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के कार्यान्वयन और खुराक के वितरण के संबंध में ‘दोहरे मानदंड’ अपनाए हैं।
उन्होंने कहा, ‘एक तरफ सरकार ने दावा किया कि वह खुराक देने के मामले में देश में अग्रणी है, लेकिन दूसरी तरफ उसने टीके की कम खुराक मिलने की शिकायत की है।’
उपाध्याय ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार सभी स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों का टीकाकरण करने में विफल रही है, जबकि कोविड-19 टीकाकरण अभियान इस साल 16 जनवरी को ही शुरू हो गया था।
भाषा कृष्ण नरेश
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