महाराष्ट्र सरकार वरवर राव को नानावती अस्पताल ले जाने पर हुई सहमत | Maharashtra govt agrees to take Varwar Rao to Nanavati Hospital

महाराष्ट्र सरकार वरवर राव को नानावती अस्पताल ले जाने पर हुई सहमत

महाराष्ट्र सरकार वरवर राव को नानावती अस्पताल ले जाने पर हुई सहमत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : November 18, 2020/2:48 pm IST

मुंबई, 18 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कवि-सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव को उपचार के लिए जेल से मुंबई के नानावती अस्पताल ले जाने पर बुधवार को सहमत हो गई। इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय ने सवाल किया था कि राहत की मांग कर रहे ‘‘मृत्युशैया’’ पर पड़े व्यक्ति को वह कैसे ‘न’ कह सकती है।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति माधव जामदार की पीठ के हस्तक्षेप के बाद राज्य सरकार ने कहा कि वह ‘विशेष मामले’ के तौर पर विचाराधीन कैदी राव (81) को उपचार के वास्ते 15 दिन के लिए नवी मुंबई की तलोजा जेल से नानावती अस्पताल भेजेगी।

उच्च न्यायालय ने राव की पत्नी हेमलता की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। हेमलता ने यह कहते हुए राव को तलोजा जेल अस्पताल से तत्काल नानावती अस्पताल स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था कि निरंतर हिरासत में रखना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

पीठ ने कहा कि तंत्रिका तंत्र संबंधी रुग्णता के अलावा राव इस साल जुलाई में जांच में कोविड-19 से पीड़ित पाए गए थे और उन्हें संक्रमणमुक्ति के बाद की देखभाल की जरूरत है।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘आखिरकार, एक व्यक्ति मृत्युशैया पर है। वह 80 साल का है और उसे गंभीर बीमारी है। वह अदालत आएगा। क्या राज्य कह सकता है, नहीं, हम तलोजा में ही उसका उपचार करेंगे।’’

अदालत ने निर्देश दिया कि राव के उपचार का खर्च राज्य सरकार उठाएगी।

सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने शुरू में सुझाव दिया कि राव को नानावती अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा लेकिन उन्हें उपचार का खर्च उठाना होगा।

राव की वकील इंदिरा जयसिंह ने दलील दी कि उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी थी कि राज्य किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकारों की देखभाल नहीं करने के लिए धन की कमी का हवाला नहीं दे सकता है।

पीठ ने उनकी दलील से सहमति प्रकट की और राज्य को याद दिलाया कि नानावती अस्पताल में भी राव न्यायिक हिरासत में होंगे, इसलिए राज्य उनके उपचार के वास्ते भुगतान करने के लिए बाध्य है।

पीठ ने कहा, ‘‘ वह (राव) आपकी (राज्य की) हिरासत में हैं। अस्पताल में भी वह आपकी हिरासत में रहेंगे, इसलिए आप उपचार के लिए भुगतान करें।’’

तब ठाकरे ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख से बातचीत की और अदालत से कहा कि राज्य को राव को 15 दिन के लिए निजी नानावती अस्पताल ले जाने में कोई ऐतराज नहीं है।

उन्होंने कहा कि राव को निजी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में ले जाए जाने को ‘विशेष मामले’ के तौर पर लिया जाएगा और यह अन्य मामलों के लिए दृष्टांत नहीं होगा।

अदालत ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में अभियोजन एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जानना चाहा कि इस मामले की वर्तमान स्थिति क्या है।

इसपर एनआईए के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि आरोप निर्धारण मुंबई की विशेष एनआईए अदालत में लंबित है।

इसपर राव के लिए जयसिंह के साथ पेश हुए वकील आनंद ग्रोवर ने कहा कि इस मामले में आरोप निर्धारण में कम से कम एक साल लग जाएगा क्योंकि यह प्राथमिक तौर पर कंप्यूटर सबूत पर आधारित है।

ग्रोवर ने कहा कि सबूतों की प्रतिलिपियां अब तक विशेष एनआईए अदालत को नहीं दी गई हैं और इस मामले में 30 आरोपी हैं।

जयसिंह ने कहा कि ऐसी आशंका है कि राव की जेल में मौत हो जाएगी और उनके अंगों के काम करना बंद हो जाने का डर है।

उन्होंने कहा कि किसी विचाराधीन कैदी को सलाखों के पीछे रखने का उद्देश्य होता है कि वह भाग न जाए लेकिन राव बिस्तर पर पड़े हैं और वह हकीकत को समझने की स्थिति में नहीं हैं, ऐसे में उनके भागने का प्रश्न ही नहीं है।

जयसिंह ने दोहराया कि राव को विशेषज्ञों की जरूरत है और तलोजा जेल अस्पताल उनका जरूरी उपचार करने में समर्थ नहीं है।

अदालत ने निर्देश दिया कि न्यायालय को सूचित करने के बाद ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जाए और राव की सभी मेडिकल रिपोर्ट अदालत में जमा की जाएं तथा उनके परिवार के सदस्यों को अस्पताल में उनसे मिलने दिया जाए।

मामले में अदालत चिकित्सा आधार पर दायर की गई राव की जमानत अर्जी पर भी सुनवाई कर रही है। राव की वकील इंदिरा जयसिंह ने बुधवार को जमानत के लिए दबाव नहीं बनाया क्योंकि उच्च न्यायालय ने सुझाव दिया कि वह दलीलों को राव को नानावती अस्पताल स्थानांतरित करने की अंतरिम राहत पर ही केंद्रित रखें।

जयसिंह ने कहा कि राव डिमेंशिया (स्मृति लोप) से ग्रस्त हैं, जेल में उनकी मूत्र नली में संक्रमण हो गया और उनकी मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य स्थिति तेजी से बिगड़ रही है।

न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘ हम उन्हें बस दो सप्ताह के लिए नानावती अस्पताल ले जाने के लिए कह रहे हैं। दो सप्ताह के बाद हम देखेंगे।’’

भाषा

राजकुमार नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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