मुम्बई, सात अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार एवं स्थानीय निकायों को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की समस्या पर रोक लगाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का निर्देश दिया और अधिकारियों को ऐसा करने वालों पर जुर्माना राशि बढ़ाने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने थूकने के विरूद्ध लोगों के बीच व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव दिया।
अदालत ने कहा कि ऐसे में जबकि बंबई पुलिस अधिनियम के प्रावधान अधिकारियों को थूकते हुए पकड़े जाने वाले व्यक्ति पर 1200 रूपये का जुर्माना लगाने की अनुमति देते हैं तो अधिकारी महज 200 रूपये ही वसूल रहे हैं।
अदालत ने सवाल किया, ‘‘आजकल 200 रूपये का महत्व ही क्या है? आप राजस्व का नुकसान उठा रहे हैं। थूकने की यह आदत रोकने की जरूरत है।’’
पीठ इस मुद्दे पर वकील अर्मिन वंद्रवाला की याचिका की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि खासकर महामारी के दौर में (सार्वजनिक स्थानों पर) थूकना बुराई है ।
अदालत ने कहा कि प्रशासन ने भारी जुर्माने का प्रावधान किया लेकिन अब भी वह इतना जुर्माना नहीं वसूलती है।
पीठ ने कहा, ‘‘ आपने (जुर्माना) 100 रूपये से बढ़ाकर 1200 रूपये किया लेकिन जब जब स्थिति गंभीर है तो आप अब भी 200 रूपये ही जुर्माना लगा रहे हैं।’’
मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
भाषा
राजकुमार माधव
माधव
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