देश के इस महान शिक्षक ने विश्व के टॉप 10 शिक्षकों में बनाई जगह, 10 लाख डॉलर वाले ‘ग्लोबल टीचर प्राइज 2020’ से होंगे सम्मानित | Maharashtra teacher among top 10 participants for Global Teachers Award

देश के इस महान शिक्षक ने विश्व के टॉप 10 शिक्षकों में बनाई जगह, 10 लाख डॉलर वाले ‘ग्लोबल टीचर प्राइज 2020’ से होंगे सम्मानित

देश के इस महान शिक्षक ने विश्व के टॉप 10 शिक्षकों में बनाई जगह, 10 लाख डॉलर वाले ‘ग्लोबल टीचर प्राइज 2020’ से होंगे सम्मानित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : October 21, 2020/2:26 pm IST

लंदन, 21 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के एक गांव के प्राथमिक स्कूल के एक शिक्षक ने 10 लाख अमेरिकी डालर वाले वार्षिक ‘ग्लोबल टीचर प्राइज 2020’ के लिए शीर्ष 10 प्रतिभागियों की सूची में जगह बनायी है। शिक्षक द्वारा भारत में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड पाठ्यपुस्तक को लेकर किये गए उनके प्रयासों को देखते उन्हें इस पुरस्कार के लिए शीर्ष 10 प्रतिभागियों में जगह दी गई है।

रंजीतसिंह दिसाले (31) 2009 में जब सोलापुर जिले के परितेवाडी गांव में जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय में आये थे, जब यह एक जीर्ण-शीर्ण इमारत थी। उन्होंने वहां बदलाव लाने का फैसला किया और यह सुनिश्चित किया कि छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकें स्थानीय भाषा में उपलब्ध हों। दिसाले ने न केवल पाठ्यपुस्तकों को छात्रों की मातृभाषा में अनुवाद किया बल्कि उनमें क्यूआर कोड भी जोड़ा ताकि छात्रों की पहुंच श्रव्य कविताओं, वीडियो व्याख्यान, कहानियों तक हो। दिसाने के इस प्रयास का यह प्रभाव हुआ कि गांव में अब कम आयु में विवाह नहीं होते और विद्यालय में लड़कियों की सौ प्रतिशत उपस्थिति है।

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शिक्षा प्रचारक, अभिनेत्री-लेखक सोहा अली खान ने कहा, ‘‘यह अविश्वसनीय उपलब्धि है जिसे दुनिया भर से 12,000 से अधिक नामांकनों एवं आवेदनों में से चुना गया है। रंजीत, आपने वास्तव में लड़कियों और उनके परिवारों को स्कूल में रहने के महत्व के बारे में सिखाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक शिक्षक पुरस्कार, जो यूनेस्को के साथ साझेदारी करता है, दुनिया के हर कोने में आप जैसे प्रेरक शिक्षकों पर प्रकाश डालता है। दुनिया आज अपनी सबसे बड़ी चुनौतियों में से कुछ का सामना कर रही है, लेकिन शिक्षक के सहयोग से एक बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।’’ दिसाले का स्कूल महाराष्ट्र में क्यूआर कोड शुरू करने वाला पहला स्कूल था।

राज्य के संबंधित मंत्रालय ने एक सफल प्रायोगिक योजना के बाद 2017 में घोषणा की कि राज्य में सभी कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में क्यूआर कोड शुरू किया जाएगा। मानव संसाधप विकास मंत्रालय ने 2018 में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों में क्यूआर कोड होगा। क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड मशीन से पठनीय काले और सफेद चौकोर से बना विशेष प्रकार का कोड होता है।

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स्मार्टफोन के कैमरे द्वारा इसमें स्टोर किए गए वेब लिंक या अन्य सूचना को पढ़ा जा सकता है। अभिनेता, लेखक और स्टीफन फ्राई ने कहा, ‘‘यह पता चलने के बाद कि पाठ्यक्रम आपके छात्रों की प्राथमिक भाषा कन्नड़ में नहीं है आपने स्वयं भाषा सीखने का फैसला किया। आपने पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद किया और उसमें क्यूआर कोड डाला जिससे कि छात्रों की श्रव्य कविताओं, वीडियो व्याख्यानों तक पहुंच मिल सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब आपके स्कूल को जिले में सर्वश्रेष्ठ स्कूल का दर्जा प्रदान किया गया है जिसकी 100 प्रतिशत उपस्थिति है। बधाई रंजीत, और आपने जो कुछ किया है उसके लिए धन्यवाद।’’

यूनेस्को में शिक्षा के लिए सहायक महानिदेशक स्टीफनिया गियानिनी को उम्मीद है कि दिसाले की कहानी शिक्षण पेशे में प्रवेश करने वालों को प्रेरित करेगी और हर दिन पूरे भारत और दुनिया भर में अविश्वसनीय काम करने वाले शिक्षकों को सामने लाएगी। दिसाले के अलावा इस सूची में नाइजीरियाई शिक्षक ओलासुनकनमी ओपिफा, ब्रिटिश शिक्षक जेमी फ्रॉस्ट, इतालवी शिक्षक कार्लो मेज़ोन, दक्षिण अफ्रीकी शिक्षक मोखुदू सिंथिया मचाबा, अमेरिकी शिक्षक एल जुएलके और दक्षिण कोरियाई शिक्षक यूं जियॉंग-ह्यून शामिल हैं।

 

 
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