स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने से मजबूत होगा स्वास्थ्य सेवा का पूरा तंत्र: सत्यार्थी | Making health a fundamental right will strengthen the entire system of healthcare: Satyarthi

स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने से मजबूत होगा स्वास्थ्य सेवा का पूरा तंत्र: सत्यार्थी

स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने से मजबूत होगा स्वास्थ्य सेवा का पूरा तंत्र: सत्यार्थी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : June 8, 2021/7:44 am IST

नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) नोबेल पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार का दर्जा देने की पैरवी करते हुए कहा है कि इस कदम से देश में स्वास्थ्य सेवा के पूरे तंत्र को मजबूती दी जा सकेगी।

सरकार के समक्ष अपनी मांग रख चुके सत्यार्थी ने यह भी कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण लोगों में छाई निराशा के माहौल में स्वास्थ्य सेवा को मौलिक अधिकार का दर्जा देने से सकारात्मक संदेश जाएगा।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कोरोना महामारी के दौरान हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्गति उजागर हो गई है। बेड और आक्सीजन के अभाव में हजारों लोगों ने अस्पतालों के बाहर दम तोड़ दिया। कई निजी अस्पतालों में गलत तरीके से लाखों के बिल बनाए गए।’’

सत्यार्थी ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘गरीब, वंचित और आम व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य स्वाएं मिल पाएं, इसके लिए स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाना होगा। इसमें ज्यादा संसाधन लगाने पड़ेंगे। इसी नाते मैंने सरकार से मांग की है कि स्वास्थ्य को संवैधानिक अधिकार का दर्जा दिया जाए। यह समय की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाते हैं तो इससे पूरे स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत किया जा सकता है। जैसा शिक्षा को मौलिक अधिकार मिलने से हुआ। इससे कोरोना की घातक लहर से लोगों में जो निराशा, डर और अनिश्चितता छा रही है, उनमें एक सकारात्मक संदेश भी जाएगा।’’

‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के संस्थापक ने यह भी कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर बच्चों की सुरक्षा के लिए एक राष्ट्रीय कार्यबल गठित करने की जरूरत है।

सत्यार्थी ने केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे अपनी नीतियां बनाते समय बच्चों को विशेष तवज्जो दें।

भाषा हक

हक शाहिद

शाहिद

 

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