अमेरिका के कोविड रोधी टीके दान देने की योजना पर मिलीजुली प्रतिक्रिया | Mixed reaction to US plan to donate anti-covid vaccines

अमेरिका के कोविड रोधी टीके दान देने की योजना पर मिलीजुली प्रतिक्रिया

अमेरिका के कोविड रोधी टीके दान देने की योजना पर मिलीजुली प्रतिक्रिया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : June 11, 2021/6:06 am IST

केपटाउन (दक्षिण अफ्रीका), 11 जून (एपी) अमेरिका के विकासशील देशों को कोविड-19 रोधी 50 करोड़ और टीके दान देने की योजना का कुछ लोगों ने स्वागत किया तो कुछ ने यह सवाल उठाया कि क्या गरीब देशों की मदद के लिए ये कोशिशें पर्याप्त हैं ?

कुछ स्वास्थ्य अधिकारियों और विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि इस घोषणा से टीकों की आपूर्ति में असमानताएं दूर होंगी। कुछ ने कहा कि इन टीकों का आवंटन जल्द ही शुरू होना चाहिए।

‘डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स’ संगठन के वरिष्ठ टीका नीति सलाहकार केट एल्डर ने कहा, ‘‘जान बचाने के लिए अभी टीका लगवाने की जरूरत है। यह 2021 के अंत में, 2022 में नहीं बल्कि अभी होना चाहिए।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की टीके दान देने की घोषणा के कुछ घंटों बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ऐलान किया कि सात देशों का समूह (जी-7) दुनिया भर में कोरोना वायरस रोधी एक अरब टीके देगा जिनमें से आधे टीके अमेरिका और 10 करोड़ टीके ब्रिटेन देगा। जर्मनी और फ्रांस ने इस साल के अंत तक तीन करोड़ टीके दान देने का वादा किया है।

यूनीसेफ के लिए टीका पैरोकार प्रमुख लिली कैप्रेनी ने कहा, ‘‘हमने देखा कि संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। ऐसे देशों में रह रहे हममें से कुछ लोगों को लग सकता है कि यह खत्म हो गया है, जहां हमें टीके लग गए हैं लेकिन दुनिया के अन्य हिस्सों में यह संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है।’’

बाइडन प्रशासन के फाइजर के टीके दान देने के फैसले ने इस बारे में शंका पैदा कर दी है कि क्या ये टीके गरीब देशों तक पहुंचेंगे क्योंकि इनका भंडारण अत्यधिक ठंडे स्थान पर किया जाता है। कई कम आय वर्ग वाले देशों में ऐसी सुविधाएं बहुत सीमित हैं।

अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने कहा कि वह अपने देशों को फाइजर टीके प्रमुख शहरों में इस्तेमाल करने की सलाह देगा। केंद्र के निदेशक डॉ. जॉन नेंगसोंग ने कहा कि फिर भी प्रशासन का फैसला प्रशंसनीय है और खासतौर से ऐसे वक्त में जब 1.3 अरब की आबादी वाले महाद्वीप में यह संक्रमण फैल रहा है और कुछ देशों में तो एक भी टीका नहीं लगा है। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर इससे बड़ी मदद मिलेगी।’’

विकासशील देशों को टीके उपलब्ध कराने वाले गैर लाभकारी संगठन ‘इंटरनेशनल वैक्सीन इंस्टीट्यूट’ के प्रमुख जेरोम किम ने कहा कि फाइजर टीकों को दान देना अहम कदम है क्योंकि टीकों में वैश्विक असमानता एक बहुआयामी खतरा बन गयी है।

टीकों की पहुंच में अंतर को इस तरह समझा जा सकता है कि अमेरिका और ब्रिटेन ने अपनी 40 प्रतिशत से अधिक आबादी को पूरी तरह टीका लगा दिया है जबकि अमेरिका के पास स्थित हैती और बुरुंडी जैसे कई देश अपनी बहुत कम आबादी को टीका लगा पाए हैं।

एपी गोला मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)