चुनाव से पहले मोदी ने असम के लिये खोला खजाना, कहा- पिछले सरकारों ने विकास की अनदेखी की | Modi opens treasury for Assam ahead of election, says previous governments ignored development

चुनाव से पहले मोदी ने असम के लिये खोला खजाना, कहा- पिछले सरकारों ने विकास की अनदेखी की

चुनाव से पहले मोदी ने असम के लिये खोला खजाना, कहा- पिछले सरकारों ने विकास की अनदेखी की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : February 22, 2021/11:27 am IST

धेमाजी (असम), 22 फरवरी (भाषा) चुनावी राज्य असम के लिये अपनी सरकार का खजाना खोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के बाद सालों तक देश पर शासन करने वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि उन्होंने दशकों तक राज्य व पूर्वोत्तर की “अनदेखी” की।

एक महीने में असम के अपने तीसरे दौरे में 3,222 करोड़ रुपये से ज्यादा की पेट्रोलियम क्षेत्र की तीन परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करते हुए मोदी ने सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार और केंद्र द्वारा पिछले कुछ सालों में विकास के संतुलन के लिये उठाए गए कदमों का जिक्र किया।

उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर 45 करोड़ रुपये की शुरुआती परियोजना लागत वाले धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन किया और 55 करोड़ रुपये की लागत वाले सुआलकुची इंजीनियरिंग कॉलेज की आधारशिला रखी।

उन्होंने सात फरवरी को इस चुनावी राज्य में 9,310 करोड़ रुपये मूल्य की विभिन्न राष्ट्रीय आधारभूत परियोजनाओं की आधारशिला रखने के साथ ही कई परियोजनाओं को पूरा होने पर राष्ट्र को समर्पित किया था।

इसके बाद 18 फरवरी को उन्होंने राज्य को 10 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात दी थी।

उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “जिन लोगों ने आजादी के बाद से दशकों तक शासन किया वो मानते थे कि दिसपुर दिल्ली से बहुत दूर था। दिल्ली अब दूर नहीं आपके दरवाजे पर है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकारों ने उत्तरी तट क्षेत्र से “सौतेली मां” जैसा व्यवहार किया और संपर्क, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग की अनदेखी की।

उन्होंने कहा, “मैं पूर्व में राज्य के उत्तरी किनारे पर गोगामुक में आया था और कहा थ कि असम और पूर्वोत्तर देश के विकास के नए इंजन बनेंगे और हम इस विश्वास को फलीभूत होते देख रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि असम सरकार के सतत प्रयासों के कारण 20 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित हुए हैं।

नई शिक्षा नीति (एनईपी) के संदर्भ में उन्होंने कहा कि स्थानीय भाषाओं में पढ़ाने पर उसमें दिया जा रहा जोर गरीब परिवार के बच्चों को भी डॉक्टर और इंजीनियर बनने में मदद करेगा।

मोदी ने कहा कि असम में 2014 तक महज 40 प्रतिशत परिवारों के पास रसोई गैस का कनेक्शन था वह भी तब जब राज्य तेल, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी के मामले में समृद्ध है। उन्होंने कहा कि अब राज्य की लगभग समूची आबादी उज्ज्वला योजना के तहत आती है और एक करोड़ महिलाओं को फायदा हुआ है।

उन्होंने कहा, “गैस पाइपलाइन, ऑप्टिकल फाइबर तंत्र और पाइप से पेयजल आपूर्ति की पहल सिर्फ लोहे की पाइप और फाइबर नहीं हैं। ये भारत की नई भाग्य रेखाएं हैं।”

उन्होंने कहा कि ऊर्जा में सुधार और आधारभूत सुविधाओं के विकास से असम और पूर्वोत्तर में लोगों का जीवन आसान होगा और युवाओं के लिये रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

उन्होंने कहा कि शोधन व आपात स्थितियों के लिहाज से तेल भंडारण क्षमता को मजबूत किया गया है।

उन्होंने कहा, “असम को दुनिया भर में उसकी चाय, पर्यटन, हथकरघा और हस्तशिल्प के लिये जाना जाता है। इस क्षेत्र में वृद्धि से ज्यादा रोजगार पैदा होगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को मजबूती मिलेगी।”

चाय बागान कर्मियों के लिये मोदी ने कहा कि उनका जीवन स्तर सुधारना राज्य व केंद्र सरकार दोनों की प्राथमिकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिये कृषि कानूनों में संशोधन किया गया है कि किसानों की उपज अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचे।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने मछली पालन से जुड़े लोगों के लिये 20,000 करोड़ रुपये की योजना बनाई है और असम को इससे काफी फायदा होगा।

मोदी ने कहा कि वह असम और अन्य चुनाव वाले राज्यों में चुनाव की घोषणा से पहले अधिक से अधिक बार दौरा करेंगे। चुनावों की घोषणा संभवत: मार्च के पहले सप्ताह में होगी।

भाषा

प्रशांत उमा

उमा

 

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