अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का आधे से अधिक काम पूरा | More than half of us troops withdrawn from Afghanistan completed

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का आधे से अधिक काम पूरा

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का आधे से अधिक काम पूरा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : June 8, 2021/8:14 am IST

वाशिंगटन, आठ जून (एपी) अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया का आधे से अधिक काम पूरा हो चुका है।

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि यह प्रक्रिया चार जुलाई तक पूरी की जा सकती है और इस साल गर्मियों के अंत तक साजो-सामान के साथ सभी अमेरिकी सैनिेकों को अफगानिस्तान से वापस बुला लिया जाएगा।

पश्चिम एशिया में अमेरिका के शीर्ष कमांडर जनरल फ्रैंक मैकेन्जी इस सप्ताह रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन को अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई से संबंधित सैन्य विकल्पों के बारे में जानकारी देंगे।

अधिकारियों के मुताबिक अफगानिस्तान में सुरक्षा से जुड़े अभियानों के लिए कितने अमेरिकी सैनिकों की जरुरत पड़ेगी, यह सुरक्षा से जुड़ी जरुरतों के मुताबिक तय किया जाएगा, यह संख्या करीब एक हजार तक भी हो सकती है।

मैकेन्जी के विचारों से पता चलता है कि यह अनिश्चित है कि युद्ध की समाप्ति के बाद अफगानिस्तान को कितना अमेरिकी समर्थन मिलेगा। सैनिकों की वापसी के बाद यह चिंता का एक विषय है कि अमेरिका सरकार के साथ काम करने वाले अफगानिस्तान के लोगों की सुरक्षा कैसे की जाएगी। इसके अलावा कट्टरपंथियों के बारे में खुफिया जानकारी मुहैया कराने वाला तंत्र भी प्रभावित होगा।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी राष्ट्रपति जो बाइडन की राजनीतिक साख से भी जुड़ी हुई है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में पैदा होने वाली संभावित अस्थिरता भी चिंता का विषय है। 11 सितंबर को विश्व व्यापार केन्द्र पर हुए आतंकवादी हमले के जवाब में 20 साल पहले अमेरिका की ओर से शुरू किए गए युद्ध की महत्ता को लेकर भी सवाल खड़े किए जा सकते हैं।

जनरल मैकेन्जी रक्षा मंत्री आस्टिन को बताएंगे कि अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट अथवा अन्य आतंकवादी समूहों के संभावित पुनरुत्थान पर नजर रखने के लिए आवश्यक हवाई निगरानी में कितने ड्रोन विमानों की जरुरत होगी। पहचान गुप्त रखे जाने की शर्त पर कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों में अमेरिकी सैनिकों और विमानों की तैनाती से संबंधित कोई विकल्प मौजूद नहीं है। रूस के विरोध के कारण किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान अथवा उज्बेकिस्तान जैसे देशों के साथ कोई भी समझौता करना मुश्किल होगा।

गौरतलब है कि तालिबान ने मंगलवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि वह अमेरिकी सेना के साथ सहयोग करने वाले अफगानिस्तान के लोगों पर हमले नहीं करेगा। तालिबान ने ऐसे लोगों से देश नहीं छोड़ने और अपने घरों की ओर लौटने की भी अपील की है।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की आधिकारिक प्रक्रिया एक मई से शुरू हुई थी, उस समय अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या 2,500 से 3,500 के बीच थी। बाइडन ने सेना को 11 सितंबर तक का समय देते हुए कहा कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया में किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं की जाएगी।

एपी

रवि कांत शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)