मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में 15 साल की सजा | Mumbai attack mastermind Lakhvi sentenced to 15 years in prison for terrorism financing

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में 15 साल की सजा

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में 15 साल की सजा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : January 8, 2021/1:58 pm IST

(एम जुल्करनैन)

लाहौर, आठ जनवरी (भाषा) पाकिस्तान की एक आतंक रोधी अदालत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में शुक्रवार को 15 साल जेल की सजा सुनायी।

देश में छुट्टा घूम रहे आतंकवादियों के खिलाफ कदम उठाने के लिए पाकिस्तान पर बढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच अदालत का यह फैसला आया है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी लखवी (61) को पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। मुंबई हमला मामले में 2015 से वह जमानत पर था।

सुनवाई के बाद अदालत के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘‘लाहौर की आतंक रोधी अदालत (एटीसी) ने सीटीडी द्वारा दर्ज आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में लखवी को आतंक रोधी कानून 1997 की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए 15 साल जेल की सजा सुनायी।’’

न्यायाधीश एजाज अहमद बतर ने लखवी को तीन अपराधों के लिए कुल 15 साल सश्रम कारावास और तीन लाख पाकिस्तानी रुपये (करीब 620 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं चुकाने पर उसे प्रत्येक अपराध के लिए छह-छह महीने की और सजा काटनी होगी। सजा काटने के लिए उसे जेल भेज दिया गया है।

अधिकारी ने बताया कि लखवी ने अदालत के सामने दलील दी कि उसे इस मामले में ‘‘फर्जी तरीके से’’ फंसाया गया।

लश्कर-ए-तैयबा कमांडर पर डिस्पेंसरी के नाम पर आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए रकम जुटाने का आरोप लगा था।

सीटीडी ने कहा, ‘‘लखवी तथा अन्य आरोपियों ने अपनी डिस्पेंसरी से धन जुटाया और उसका इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया। उसने निजी खर्च के लिए भी इस रकम का इस्तेमाल किया।’’

लखवी को शुक्रवार को लाहौर एटीसी के सामने पेश किया गया और उसी दिन उसे आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में दोषी ठहराया गया। कुछ समय पहले उसके खिलाफ यह मामला दर्ज हुआ था।

अदालत को बताया कि पंजाब के ओकरा जिले में रेनाल खुर्द का निवासी लखवी इस मामले में गिरफ्तारी के पहले इस्लामाबाद में रह रहा था।

लश्कर-ए-तैयबा और अलकायदा के साथ जुड़ाव तथा दोनों आतंकी संगठनों के साथ मिलकर वित्तपोषण, साजिश रचने, आतंकी कृत्य के लिए लखवी को दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था।

घोषित आतंकवादियों और संगठनों की संपत्तियां जब्त कर ली जाती है। वहीं सभी देशों को ऐसे व्यक्ति और संगठन की संपत्ति जब्त करने, आर्थिक संसाधन पर रोक लगाने की कार्रवाई करनी होती है और यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जाता है।

पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध कमेटी ने लखवी को उसके निजी खर्च के लिए हर महीने 1.5 लाख पाकिस्तानी रुपये भुगतान करने की इजाजत दी थी। लखवी की गिरफ्तारी के 10 दिन पहले यह अनुमति मिली थी।

आतंकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है।

पेरिस मुख्यालय वाले एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया था और 2019 के अंत तक धनशोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा था। हालांकि कोविड-19 महामारी के कारण समय सीमा आगे बढ़ा दी गयी थी।

गुजरांवाला में एक आतंक रोधी अदालत ने बृहस्पतिवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ आतंक के वित्तपोषण के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

अदालत ने जेईएम के कुछ सदस्यों के खिलाफ पंजाब के आतंक रोधी विभाग द्वारा दर्ज आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में सुनवाई के दौरान अजहर के खिलाफ वारंट जारी किया था।

वर्ष 2008 में मुंबई हमले के लिए जमात उद दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद के नेतृत्व वाला लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार था। हमले में छह अमेरिकी समेत 166 लोगों की मौत हो गयी थी। संयुक्त राष्ट्र ने सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया था और अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है।

भाषा आशीष उमा

उमा

 

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