नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफआई) के सामने फिर से परिसंपत्तियो की गुणवत्ता का जोखिम खड़ा हो गया है।
फिच ने कहा कि यदि महामारी को काबू में करने के लिए प्रतिबंध बढ़ाए जाते हैं तो इन जोखिमों के बढ़ने की आशंका है, क्योंकि इससे आर्थिक गतिविधियां बाधित होंगी।
रेटिंग एजेंसी ने आगे कहा कि संक्रमण की दर में वृद्धि और लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के व्यापक होने से चालू वित्त वर्ष में उसका 12.8 प्रतिशत की वृद्धि का पूर्वानुमान भी घट सकता है।
फिच रेटिंग ने एक बयान में कहा, ‘‘कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बीच भारत के गैर-बैंक वित्तीय संस्थान नए सिरे से परिसंपत्ति की गुणवत्ता और नकदी जोखिम का सामना कर सकते हैं।’’
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोविड संक्रमण का प्रमुख केंद्र महाराष्ट्र है, जो राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 13-14 प्रतिशत का योगदान करता है।
भाषा पाण्डेय
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