भारतीय क्षेत्र को अपने संशोधित नक्शे में दर्शाने वाली नई किताबों का वितरण नेपाल ने रोका | Nepal halts distribution of new books depicting Indian territory in its revised map

भारतीय क्षेत्र को अपने संशोधित नक्शे में दर्शाने वाली नई किताबों का वितरण नेपाल ने रोका

भारतीय क्षेत्र को अपने संशोधित नक्शे में दर्शाने वाली नई किताबों का वितरण नेपाल ने रोका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : September 22, 2020/12:50 pm IST

(शिरीष बी प्रधान)

काठमांडू, 22 सितंबर (भाषा) नेपाल ने उन नई किताबों का वितरण रोक दिया है, जिसमें तीन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भारतीय क्षेत्रों को अपने भूभाग के रूप में दर्शाने वाले देश के संशोधित राजनीतिक मानचित्र को शामिल किया गया है। मीडिया में मंगलवार को आई खबरों में कहा गया कि उनमें कई तथ्यात्मक त्रुटियां हैं।

नेपाल की संसद द्वारा सर्वसम्मति से लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा इलाकों को अपने भूभाग में दर्शाने वाले नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दिये जाने के बाद भारत पहले ही नेपाल द्वारा भूभागीय दावों को “कृत्रिम रूप से बढ़ाकर” पेश किये जाने को अस्वीकार्य करार दे चुका है। भारत इन तीनों इलाकों के अपने क्षेत्र में होने का दावा करता है।

काठमांडू पोस्ट की खबर के मुताबिक मंत्रिमंडल की एक बैठक में मंगलवार को शिक्षा मंत्रालय से कहा गया कि वह कक्षा नौवीं से 12वीं तक की इन किताबों की और प्रतियों का मुद्रण और वितरण न करे क्योंकि भूमि प्रबंधन व सहकारी मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय की तरफ से कुछ आपत्तियां व्यक्त की गई हैं।

भूमि सुधार एवं सहकारी मंत्रालय के प्रवक्ता जनक राज जोशी ने कहा, “शिक्षा मंत्रालय के पास नेपाल के भौगोलिक इलाकों को बदलने का अधिकार नहीं है और किताब में त्रुटियां हैं।”

उन्होंने कहा कि बिना विशेषज्ञता वाले विषय पर शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किताब में गड़बड़ियां हैं और उच्चाधिकारियों को इन्हें ठीक करने के लिये कदम उठाने को कहा गया है।

नेपाल सरकार के संबंधित निकाय ने अभी देश के संशोधित भौगोलिक क्षेत्र की घोषणा औपचारिक रूप से नहीं की है।

जोशी ने कहा, “देश के कुल क्षेत्रफल की घोषणा करने वाली आधिकारिक एजेंसी सर्वेक्षण विभाग ने क्षेत्रफल को लेकर कोई फैसला नहीं किया है।”

नेपाल के शिक्षा मंत्री गिरिराज मणि पोखरेल ने 15 सितंबर को ‘नेपाली भूभाग और संपूर्ण सीमा स्वाध्याय सामग्री’ शीर्षक वाली 110 पन्नों की किताब का विमोचन किया गया था। यह किताब देश के भूभाग से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों और उसके सीमा विवादों खासकर भारत के साथ का जिक्र करती है।

इस किताब में नेपाल का नया क्षेत्रफल 147,641.28 वर्ग किलोमीटर दर्शाया गया है जिसमें 460.28 वर्ग किलोमीटर वाला कालापानी का इलाका भी है जिसे मंत्रिमंडल द्वारा 20 मई को नेपाल के नए राजनीतिक मानचित्र में शामिल किया गया था।

पोखरेल ने कहा कि उन्होंने कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा समेत नेपाली क्षेत्रों की सुरक्षा के लिये एक अभियान शुरू किया था।

उन्होंने ‘काठमांडू पोस्ट’ को बताया कि किताब का वितरण फिलहाल रोक दिया गया है।

भाषा

प्रशांत दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)