बैडमिंटन अंक प्रणाली में बदलाव नहीं, बीडब्ल्यूएफ तीन गेम के प्रारूप को जारी रखेगा | No change in badminton points system, BWF to continue three-game format

बैडमिंटन अंक प्रणाली में बदलाव नहीं, बीडब्ल्यूएफ तीन गेम के प्रारूप को जारी रखेगा

बैडमिंटन अंक प्रणाली में बदलाव नहीं, बीडब्ल्यूएफ तीन गेम के प्रारूप को जारी रखेगा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:06 PM IST, Published Date : May 22, 2021/4:14 pm IST

कुआलालंपुर, 22 मई (भाषा) बैडमिंटन की अंक प्रणाली में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा क्योंकि खेल की वैश्विक संस्था (बीडब्ल्यूएफ) वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान नयी प्रणाली के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत प्राप्त करने में विफल रही।

खेल के मौजूदा 21 अंक वाली तीन गेम की प्रणाली में बदलाव कर 11-11 अंकों के पांच गेम करने का प्रस्ताव रखा गया था।

बैडमिंटन विश्व महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) सदस्य देशों ने ऑनलाइन आयोजित 82वीं एजीएम के दौरान अंक प्रणाली से संबंधित खेल के कानून में संशोधन के प्रस्ताव पर मतदान किया।

इंडोनेशियाई बैडमिंटन संघ और मालदीव के बैडमिंटन संघ ने इस प्रस्ताव को रखा था जिसका समर्थन बैडमिंटन एशिया, कोरियाई बैडमिंटन संघ और चीनी ताइपे बैडमिंटन ने किया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 66.31 प्रतिशत जबकि इसके खिलाफ 33.69 प्रतिशत मत प्राप्त हुये। यह बदलाव के लिए जरूरी दो-तिहाई मत से बेहद मामूली अंतर से कम रहा।

इस प्रस्ताव के मतदान में कुल 282 मत डाले गये थे।

बीडब्ल्यूएफ के अध्यक्ष पॉल-एरिक होयर ने इस महत्वपूर्ण निर्णय में भाग लेने के लिए सदस्यों को धन्यवाद दिया।

होयर ने बीडब्ल्यूएफ की ओर से जारी बयान में कहा, ‘‘ हमारे सदस्यों ने इस मुद्दे पर चर्चा की लेकिन बदलाव के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत को हासिल करने से मामूली अंतर से चूक गये। बीडब्ल्यूएफ 21 अंक की तीन गेम की प्रणाली को बनाए रखने के फैसले का सम्मान करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यह दूसरी बार है जब ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली लेकिन मैं सदस्यों की शानदार भागीदारी और आज के निर्णय को एक संकेत के रूप में देखता हूं कि बैडमिंटन समुदाय इस कठिन और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान खेल के सर्वोत्तम हितों में लगा हुआ है।’’

होयर ने 2014 में पहली बार इस प्रस्ताव को रखा था लेकिन उन्हे समर्थन नहीं मिला था

ग्यारह अंकों की पांच गेम प्रणाली का खिलाड़ियों और कोचों ने विरोध किया था। इसे पिछले साल एजीएम में भी जरूरी मत नहीं मिल सके थे।

भाषा आनन्द सुधीर

सुधीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)