अब कोई किसान ऐसा नहीं बचा है जिसके धान की खरीद नहीं हुई है : नीतीश | Now, there is no farmer who has not been procured for paddy: Nitish

अब कोई किसान ऐसा नहीं बचा है जिसके धान की खरीद नहीं हुई है : नीतीश

अब कोई किसान ऐसा नहीं बचा है जिसके धान की खरीद नहीं हुई है : नीतीश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : February 23, 2021/4:34 pm IST

पटना, 23 फरवरी (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश में अब कोई किसान ऐसा नहीं बचा है, जिसके धान की खरीद नहीं की जा सकी है।

बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के प्रथम दिन 19 फरवरी को बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद के संयुक्त सत्र के दौरान राज्यपाल फागू चौहान के अभिभाषण पर चर्चा के बाद मंगलवार को सरकार की ओर से जवाब देते हुए नीतीश ने पिछले राजद शासन काल की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि पहले धान की खरीद नहीं की जाती थी। बिहार में भारतीय खाद्य निगम द्वारा प्रदेश के चुनिंदा जिलों में कुछ-कुछ खरीद होती थी। उस समय की राज्य सरकार ने अपने को खरीद से अलग करके रखा था और अब उपदेश दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2000-01 में मात्र 12 हजार 222 मिट्रिक टन धान की खरीद की गयी और 2004-05 में यह 72 हजार मिट्रिक टन था।

उन्होंने कहा कि राज्य में धान अधिप्राप्ति की समय सीमा जिसे 31 जनवरी तक पूरा किया जाना था, पहले ही बढ़ाकर 21 फरवरी कर दी गयी थी। अब कोई ऐसा नहीं बचा है जिसके धान की खरीद नहीं की जा सकी है।

नीतीश ने कहा, ” हमारे कार्यकाल के दौरान 2011-12 के आते-आते 21 लाख 59 हजार मिट्रिक टन धान की खरीद की गयी और इसबार यह 35 लाख 59 हजार मिट्रिक टन से ज्यादा अधिप्राप्ति की जा चुकी है।”

नीतीश ने कहा कि 2005-06 में बिहार में धान का उत्पादन 52 लाख 18 हजार मिट्रिक टन था जो अब बढ़कर 108 लाख 76 हजार मिट्रिक टन हो गया है।

उन्होंने कहा कि 2005-06 में बिहार मे गेंहू का उत्पादन 27.63 लाख मिट्रिक टन था और अब यह 55.79 लाख मिट्रिक टन हो गया है। इसी तरह अन्य फसलों में भी इजाफा हुआ है।

मुख्यमंत्री ने राज्य के जल जीवन हरियाली कार्यकम की चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना काल के दौरान एक साल के भीतर दो करोड़ 51 लाख पौधे लगाने के लक्ष्य की तुलना में 3 करोड़ 80 लाख से भी अधिक पौधे लगाए गए।

नीतीश ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज स्थापित है और राष्ट्रीय अपराध अभिलेख द्वारा प्रकाशित 2019 के आंकडे के मुताबिक, संज्ञेय अपराध में देश में बिहार का 25वां स्थान है।

उन्होंने कहा, ”जब हम लोगों को कार्य करने का मौका मिला तो 2004-05 में बजट का आकार 23885 करोड़ रूपये था जो 2021-22 में बढ़कर 2 लाख 18 हजार करोड़ रूपये का हो गया है।”

भाषा अनवर शफीक

 

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