श्रीनगर में कोविड-19 संबंधी सूक्ष्म प्रबंधन से निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या 10 दिन में 93 से 32 हुई | Number of areas prohibited from micro management of Covid-19 in Srinagar increased from 93 to 32 in 10 days

श्रीनगर में कोविड-19 संबंधी सूक्ष्म प्रबंधन से निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या 10 दिन में 93 से 32 हुई

श्रीनगर में कोविड-19 संबंधी सूक्ष्म प्रबंधन से निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या 10 दिन में 93 से 32 हुई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : September 11, 2020/1:33 pm IST

(सुमीर कौल)

श्रीनगर, 11 सितंबर (भाषा) कोविड-19 प्रभावित क्षेत्रों में सूक्ष्म प्रबंधन जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी के लिए काफी लाभकारी रहा है और महज 10 दिन में यहां निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या 93 से 32 रह गई है। प्रशासन महामारी से प्रभावित इलाकों में काफी सक्रियता से कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी जांच कर रहा है।

स्वास्थ्य देखभाल को लेकर लगातार काम कर रहे श्रीनगर के जिला उपायुक्त शाहिद चौधरी ने कहा कि प्रशासन के समक्ष लक्षणमुक्त मामले सबसे बड़ी चुनौती हैं।

वर्ष 2009 बैच के जम्मू कश्मीर कैडर के 39 वर्षीय आईएएस अधिकारी ने कहा, ‘‘बहुत सी चुनौतियां रही हैं। खासकर, लक्षणमुक्त रोगी कोरोना वायरस की गंभीरता को नहीं समझते, जिनसे संक्रमण फैलने का जोखिम है।’’

जिले में निषिद्ध क्षेत्रों की बढ़ती संख्या के चलते चौधरी और उनकी टीम को वायरस के प्रसार को रोकने के लिए नए सिरे से योजना बनानी पड़ी। एक नयी रणनीति बनाई गई जिसके तहत ऐसे सभी क्षेत्रों के सभी निवासियों की कोरोना वायरस जांच का निर्णय किया गया जहां संक्रमण के पांच या इससे अधिक मामले सामने आए हों।

आंकड़ों के अनुसार पिछले एक सप्ताह में इन ‘सूक्ष्म’ निषिद्ध क्षेत्रों में 22 हजार से अधिक स्थानीय लोगों की कोविड-19 जांच की गई।

महामारी की शुरुआत के बाद पिछले छह महीने से अपने परिवार से दूर रह रहे चौधरी ने कहा, ‘‘अनेक इलाकों सहित समूचे क्षेत्र को निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने से परहेज करते हुए रेड जोन की संख्या में तेजी से कमी आने लगी और आज ऐसे केवल 32 क्षेत्र हैं।’’

इससे पूर्व, कोविड-19 का एक मामला सामने आने के साथ ही 100 मीटर की परिधि के क्षेत्र को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया जा रहा था क्योंकि मामले व्यापक क्लस्टरों में सामने आ रहे थे।

जिला प्रशासन ने व्यापक जांच अभियान चलाया जिसमें कार्यालयों और बाजारों को भी शामिल किया गया।

अभियान के दौरान कई कार्यालयों में संक्रमण के मामले सामने आए। कृषि विभाग में 22 कर्मचारी संक्रमित मिले तो पर्यटन विभाग में 12, जनरल पोस्ट ऑफिस में 10 और कश्मीर विश्वविद्यालय में 11 तथा संपदा विभाग में भी संक्रमण के 11 मामले सामने आए।

चौधरी ने कहा कि क्योंकि ‘रैपिड एंटीजन टेस्ट’ (आरएटी) में कुछ ‘‘गलत परिणाम’’ आए, इसलिए ‘‘हमने ऐसे किसी भी लक्षणयुक्त मरीज की आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी है जो आरएटी में ‘नेगेटिव’ पाया गया हो।’’

श्रीनगर जिले में वर्तमान में 1,637 उपचाराधीन मामले हैं। यह देश के उन जिलों में शामिल है जहां ठीक होने की दर 87 प्रतिशत है। पूरे जम्मू कश्मीर में मरीजों के ठीक होने की दर 77 प्रतिशत है।

केंद्रशासित प्रदेश में कोरोना वायरस से हुईं 717 मौतों में से हालांकि, श्रीनगर में सर्वाधिक 246 लोगों की मौत हुई है।

श्रीगनर में जिले में सर्वाधिक 10,980 मामले सामने आए हैं जिनमें से 9,097 ठीक हो चुके हैं।

जिले में वर्तमान में 1,637 उपचाराधीन मामलों में से लगभग 740 लोग सुरक्षाबलों और देश के अन्य हिस्सों से आए लोगों से जुड़े हैं।

जिला उपायुक्त महामारी को रोकने के प्रयासों में प्रशासन की मदद करने की लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं।

भाषा

नेत्रपाल उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)