नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद देश की मंडियों में सरसों के नये फसल की आवक बढ़ने से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में बुधवार को विभिन्न आयातित तेलों सहित अन्य तेलों के भाव में नरमी रही। इसके अलावा आयातित तेलों के मुकाबले बेहद सस्ता होने के कारण सरसों की अच्छी मांग है लेकिन नये फसल की मंडियों में आवक बढ़ने से सरसों के भाव टूटते दिखे।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि आयात होने वाले सोयाबीन रिफाइंड का भाव आज के आयात शुल्क मूल्य और जीएसटी भुगतान सहित के हिसाब से 145 रुपये किलो बैठता है, जबकि सरसों 125 रुपये किलो बैठता है। पामोलीन का भाव भी सरसों से अधिक है। दूसरी ओर देश में सरसों की त्यौहारी मांग भी है लेकिन मंडियों में नये फसल की आवक बढ़ने से इसके भाव में नरमी रही। सरसों की कम कीमत के कारण बाकी तेलों के भाव भी दबाव में आ गये जिससे उनमें गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की घरेलू के साथ साथ भारी निर्यात मांग होने की वजह से सायोबीन दाना के भाव में सुधार दिखा। इसके अलावा अगले मौसम की बिजाई के लिए और सोयाबीन की बड़ियां बनाने वाले कंपनियों की मांग बढ़ने से सोयाबीन दाना कीमतों में लाभ दर्ज हुआ।
सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल तिलहन कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुई।
सूत्रों का मानना है कि सरकार को आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए सस्ते आयातित तेलों पर आयात शुल्क घटाने के बजाय हमें देश में तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना चाहिये क्योंकि तेल आयात पर भारी मात्रा में विदेशीमुद्रा खर्च होता है जिसकी बचत संभव होगी और देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी सुधरेगा। उनका मानना है कि आयात शुल्क कम करने से विदेशों में इन्हीं तेलों के दाम बढ़ा दिये जाते हैं जिसका देश या उपभोक्ताओं को कोई फायदा नहीं मिलता, उल्टे हमारे राजस्व की ही हानि होती है।
सूत्रों ने कहा कि सरसों और सोयाबीन के जो लाभकारी भाव किसानों को मिले हैं उसकी वजह से अगली फसल काफी बेहतर होने की उम्मीद है। इससे किसान सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, मूंगफली की खेती के लिए प्रेरित होंगे। उनका कहना है कि दलहनों की तरह तेल-तिलहनों का बाजार उदार रखने से उत्पादन बढ़ेगा और देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा।
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन – 5,850 – 5,900 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
मूंगफली दाना – 6,255 – 6,320 रुपये।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,320 रुपये।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,470- 2,530 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 12,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,025 -2,115 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,155 – 2,270 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 14,500 – 17,500 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,800 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,600 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,550 रुपये।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,550 रुपये।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,900 रुपये।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,250 रुपये।
पामोलिन कांडला 12,250 (बिना जीएसटी के)
सोयाबीन दाना 5,875 – 5,925 रुपये: सोयाबीन लूज 5,750- 5,800 रुपये
मक्का खल 3,605 रुपये।
भाषा राजेश राजेश मनोहर
मनोहर
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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