बिहार में मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर विपक्ष ने नीतीश को घेरा, बर्खास्त करने की मांग की | Opposition demands nitish to be sacked over corruption allegations against minister in Bihar

बिहार में मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर विपक्ष ने नीतीश को घेरा, बर्खास्त करने की मांग की

बिहार में मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर विपक्ष ने नीतीश को घेरा, बर्खास्त करने की मांग की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : November 18, 2020/1:27 pm IST

पटना, 18 नवंबर (भाषा) बिहार सरकार में जदयू कोटे से डॉ. मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाये जाने को लेकर मुख्य विपक्षी दल राजद सहित विभिन्न दलों ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की जिन्हें पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पार्टी से निलंबित भी किया गया था।

राजद नेता तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में आरोपी चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का ईनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है?

तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘ भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भगौडे आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया। ’’

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ कुर्सी की ख़ातिर अपराध, भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे।’’

राजद नेता ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में भारतीय दंड संहित की धारा 409,420,467, 468,471 और 120ब के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का ईनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है?

इससे पहले राजद ने आधिकारिक ट्वीट में आरोप लगाया कि तेजस्वी जी पर फ़र्ज़ी केस करवा कर इस्तीफ़ा माँग रहे थे और यहाँ खुद एक भ्रष्टाचारी मेवालाल को मंत्री बना रहे है।

गौरतलब है कि नवनिर्वाचित जदयू विधायक डॉ. मेवालाल चौधरी ने राज्य की तारापुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। उन्हें पहली बार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

राजनीति में प्रवेश से पहले मेवालाल भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अनियमितता के आरोपों और एफआईआर दर्ज किये जाने के मद्देनजर चौधरी (67) को साल 2017 में नीतीश कुमार नीत जदयू से निलंबित कर दिया गया था ।

यह मामला साल 2012 में असिस्टेंट प्रोफेसर और कनिष्ठ वैज्ञानिकों की नियुक्ति में कथित अनियमितता से संबंधित है ।

भाजपा जो उस समय विपक्ष में थी, ने भी तब चौधरी के खिलाफ मुद्दे को उठाया था। तब राज्य में महागठबंधन की सरकार थी।

तेजस्वी यादव ने नीतीश मंत्रिमंडल में किसी मुस्लिम के मंत्री नहीं बनाये जाने पर भी चुटकी ली । उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया। जबकि भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भगौडे आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया।

राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद ने ट्वीट किया कि तेजस्वी जहाँ पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियाँ देने को प्रतिबद्ध था, वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बना अपनी प्राथमिकता बता दी।

उन्होंने कहा, ‘‘विडंबना देखिए जो भाजपाई कल तक मेवालाल को खोज रहे थे, आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हैं।’’

उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद अभी जेल में हैं और उनके टिवटर हैंडल को उनका कार्यालय परिवार से परामर्श करके संचालित करता है ।

भाकपा-माले के प्रदेश सचिव कुणाल ने कहा कि विधानसभा सत्र के पहले दिन उनकी पार्टी के विधायक विरोध दर्ज करायेंगे । भाकपा-माले के विधानसभा में 12 विधायक हैं ।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि नीतीश कुमार उन्हें (चौधरी को) बर्खास्त करें । ’’ कुणाल ने कहा कि शिक्षा मंत्री के रूप में चौधरी की नियुक्ति बिहार के लोगों का अपमान है ।

कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि मेवालाल चौधरी जैसे व्यक्ति को शिक्षामंत्री बनाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी ही छवि धूमिल की है।

उधर, मंत्री से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है वहीं, उनके निजी सहायक अभिषेक कुमार ने कहा कि केवल अदालत तय करेगी कि वह दोषी हैं कि नहीं।

भाषा दीपक पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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