प्रश्नकाल के निलंबन को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर तीखा हमला बोला | Opposition parties attack government over suspension of Question Hour

प्रश्नकाल के निलंबन को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर तीखा हमला बोला

प्रश्नकाल के निलंबन को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर तीखा हमला बोला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : September 3, 2020/1:56 pm IST

नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संसद के आगामी मानसून सत्र में प्रश्नकाल के निलंबन को लेकर बृहस्पतिवार को सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि यह विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास है।

मुख्य विपक्षी कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि प्रश्नकाल का निलंबन करके लोकतंत्र का गला घोटने और संसदीय प्रक्रिया को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। हम इसका संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह पुरजोर विरोध करेंगे।’’

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद कुंवर दानिश अली ने प्रश्नकाल निलंबित किए जाने के फैसले को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि यह नए भारत की ‘डरावनी तस्वीर’ है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ट्वीट करें तो अवमानना…, सड़क पर सवाल करें तो देशद्रोह… । देश की सबसे बड़ी पंचायत बची थी जनता के सवालों को उठाने के लिए। लेकिन वहां सरकार ने प्रश्नकाल ही ख़त्म कर दिया। ‘ना रहेगा बांस, ना बजेगी बांसुरी’। यह है ‘नए भारत की डरावनी तस्वीर’!’’

ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरूद्दीन अजमल ने दावा किया कि प्रश्नकाल निलंबित कराकर सरकार संसद सदस्यों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित कर रही है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज को निलंबित करा दिया। कोरोना संकट के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी हाउस ऑफ कॉमंस में प्रश्नकाल का सामना किया।’’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्क्ता महेश तापसे ने आरोप लगाया कि भाजपा कोरोना संकट को प्रश्नकाल निलंबित करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल किया है।

गौरतलब है कि संसद के आगामी मानसून सत्र में न तो प्रश्नकाल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक लाए जा सकेंगे। कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों के बीच होने जा रहे इस सत्र में शून्यकाल को भी सीमित कर दिया गया है।

लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग पालियों में सुबह नौ बजे से एक बजे तक और तीन बजे से सात बजे तक चलेगी। शनिवार तथा रविवार को भी संसद की कार्यवाही जारी रहेगी।

संसद सत्र की शुरुआत 14 सितम्बर को होगी और इसका समापन एक अक्टूबर को प्रस्तावित है।

भाषा हक हक माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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