छह लाख से अधिक विक्रेता, छोटे व्यापारी विदेशी ई- वाणिज्य कंपनियों के खिलाफ करेंगे असंभव सम्मेलन | Over six lakh vendors, small traders to hold impossible conference against foreign e-commerce companies

छह लाख से अधिक विक्रेता, छोटे व्यापारी विदेशी ई- वाणिज्य कंपनियों के खिलाफ करेंगे असंभव सम्मेलन

छह लाख से अधिक विक्रेता, छोटे व्यापारी विदेशी ई- वाणिज्य कंपनियों के खिलाफ करेंगे असंभव सम्मेलन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : April 14, 2021/4:03 pm IST

नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) छह लाख से अधिक छोटे भारतीय व्यापारियों, वितरकों और विक्रेताओं के प्रतिनिधि ‘असंभव सम्मेलन’ में एक साथ आगे आकर विदेशी ई- वाणिज्य कंपनियों के देश में कथित भेदभावपर्ण व्यवहारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे और अपनी बात रखेंगे।

असंभव शिखर सम्मेलन बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा है। दूसरी तरफ अमेरिका की आनलाइन ई- वाणिज्य कंपनी अमेजन का छोटे और मध्यम व्यवसायियों के लिये ‘संभव’ कार्यक्रम शुरू हो रहा है। भारत में अमेजन का यह कार्यक्रम 15 से 18 अप्रैल के दौरान आयोजित होगा।

इधर, भारतीय व्यापारियों ने ‘असंभव’ सम्मेलन का आयोजन करने का फैसला किया है। इसमें आल इंडिया आनलाइन वेंडर्स एसोसियेसन (एआईओवीए), आल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसियेसन (एआईएमआरए) और पब्लिक रिसपोंस अगेंस्ट हेल्पलेसनेस एण्ड एक्शन फार रिड्रसेल यानी प्रहार सभी मिलकर इस सम्मेलन का आयोजन करने जा रहे हैं।

इन भारतीय विक्रेताओं में आल इंडिया कंजूमर प्राडक्ट्स डिस्ट्रब्यूटर्स फेडरेशन (एआईसीपीडी), फेडरेशन आफ आल इंडिया डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसियेसन (एफएआईडीए) और एफएमसीजी डिस्ट्रब्यूटर्स एण्ड ट्रेडर्स एसोसियेसन, दिल्ली भी शामिल हैं।

इस सम्मेलन में भारतीय व्यापारियों की उनके उत्पाद विदेशी खुदरा विक्रेताओं को आनलाइन बेचते समय सामने आने वाली गंभीर शिकायतों और विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा होगी।

इस बारे में अमेजन को भेजे गये सवालों का कोई जवाब नहीं मिला।

घरेलू व्यापारियों द्वारा आयोजित किये जाने वाली असंभव सम्मेलन में स्वदेशी जागरण मंच के डा. अश्वनी महाजन मुख्य वक्ता होंगे। उसके बाद कई समूह चर्चायें और प्रस्तुतियां इसमें दी जायेंगी। इसमें एक पुरस्कार भी दिया जायेगा।

सरकार ई- वाणिज्य नीति पर काम कर रही है। इसमें देश में तेजी से उभरने वाले इस क्षेत्र के लिये नियामकीय व्यवस्था को पेश किया जायेगा। देश में इंटरनेट की पैठ बढ़ने और इसके इस्तेमाल के लिये विभिन्न ई- वाणिज्य कंपनियों की ओर से आकर्षक पेशकशों के चलते पिछले कुछ सालों के दौरान ई- वाणिज्य बाजार का दायरा तेजी से बढ़ा है।

बहरहाल, देश में पुरानी परंपरागत दुकानें चलाने वाले खुदरा विक्रेताओं की यह शिकायत रही है कि ये ई- वाणिज्य प्लेटफार्म लगातार अनुचित व्यवहारों में लिप्त रहते हैं। इसके लिये वह सरकार के हस्तक्षेप की मांग करते रहे हैं।

आल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसियेसन (एआईएमआरए) के अध्यक्ष अरविंदर खुराना ने कहा कि सबसे पहले एक तरफ ये वैश्विक खुदरा विक्रेता सीधे प्रमुख मोबाइल ब्रांड के साथ गठबंधन करते हैं और दूसरी तरफ अपने चुनींदा विक्रेताओं को इन ब्रांड को विशिष्ट तौर पर बेचने के लिये चयन करते हैं। चयनित पार्टियां और कोई नहीं उनसे संबंधित पार्टियां ही होंती हैं।

वहीं आनलाइन विक्रेताओं के संगठन एआईओवीए के प्रवक्ता ने कहा कि इन प्लेटफार्म पर सामान बेचने वाले कई सदस्यों को व्यवसाय नहीं मिलता है और इसकी वजह से उनहें दुकान बंद करनी पड़ जाती है।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

 

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