पाकिस्तानी अदालत ने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने की खातिर भारत को एक और मौका देने को कहा | Pakistani court asked to give India another chance to appoint lawyer for Jadhav

पाकिस्तानी अदालत ने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने की खातिर भारत को एक और मौका देने को कहा

पाकिस्तानी अदालत ने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने की खातिर भारत को एक और मौका देने को कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : September 3, 2020/3:35 pm IST

इस्लामाबाद, तीन सितंबर (भाषा) पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को संघीय सरकार को निर्देश दिया कि कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील नियुक्त करने की खातिर वह भारत को एक और मौका दे।

इसके साथ ही अदालत ने मामले में सुनवाई एक महीने के लिए स्थगित कर दी।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जाधव के लिए एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा सुनायी गयी मौत की सजा की समीक्षा की सुनवाई के दौरान वकील की नियुक्ति के मुद्दे पर गौर किया।

भारतीय सेना के 50 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को अप्रैल 2017 में ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।

अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने अदालत से कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के आदेशों का पालन करने के लिए पाकिस्तान ने भारत को ‘कौंसुलर’ पहुंच प्रदान किया। हालांकि उसने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने के पाकिस्तान के प्रस्ताव पर जवाब नहीं दिया है।

सुनवाई के बाद जारी संक्षिप्त आदेश के अनुसार, खान ने अदालत को बताया कि जाधव को आईसीजे के फैसले के बारे में बता दिया गया था। इसके अलावा विएना संधि के तहत कौंसुलर पहुंच संबंधी अपने अधिकार और बचाव के लिए वकील की नियुक्ति को लेकर उच्च न्यायालय के आदेश से भी जाधव को अवगत कराया गया था।

अटॉर्नी जनरल ने अदालत से कहा कि उन्हें पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों ने सूचित किया है कि जाधव ने अपने पहले के रुख को दोहराया है और 2020 के अध्यादेश के तहत अपने अधिकार को लागू करने के बदले क्षमादान के उपाय की दिशा में आगे बढ़ाने को प्राथमिकता दी है।

खान ने अदालत को बताया कि भारत को तीन अगस्त की अदालत की कार्यवाही की विधिवत जानकारी दी गई थी लेकिन उसकी प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।

इसमें कहा गया है कि अदालत ने दलीलों को सुनने के बाद पाकिस्तान सरकार को आदेश दिया कि वह इस संबंध में अदालत का आदेश एक बार फिर भारत को भेजे।

इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई छह अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।

भाषा

अविनाश मनीषा

मनीषा

 

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