काहिरा, 10 सितम्बर (एपी) फलस्तीन के विदेश मंत्री ने अरब देशों से संयुक्त अरब अमीरात और इज़राइल के बीच होने वाले एक समझौते को खारिज करने की अपील की। उन्होंने इस समझौते को ‘‘एक भूकम्प’’ बताया।
यूएई और इज़राइल ने पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए 13 अगस्त को एक समझौते की घोषणा की थी। फलस्तीन लगातार इस समझौते का विरोध कर रहा है और इसे वापस लेने की मांग कर रहा है।
फलस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-माल्की ने बुधवार की बैठक में अरब लीग से कहा कि यूएई-इज़राइल समझौते की घोषणा के तुरंत बाद फलस्तीनी अधिकारियों ने आपात बैठक का आह्वान किया था।
उन्होंने कहा कि अरब लीग के एक सदस्य ने बैठक की कार्यसूची में एक और मुद्दे को जोड़ने की फलस्तीन की मांग का विरोध किया। वह जाहिर तौर पर समझौते पर फलस्तीन की ओर से पेश मसौदा प्रस्ताव का जिक्र कर रहे थे।
अल-माल्की ने हालांकि उस देश का नाम नहीं बताया। कोरोना वायरस के कारण यह बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई।
अल-माल्की ने यूएई और इज़राइल के बीच इस समझौते को ‘‘ एक भूकम्प’’ करार दिया, और अरब के विदेश मंत्रियों से समझौते का विरोध करने की अपील की।
अरब लीग के उप महासचिव होसाम ज़की ने काहिरा में पत्रकारों से कहा कि फलस्तीन द्वारा पेश किए गए मसौदे पर फलस्तीन और संयुक्त अरब अमीरात के बीच मतभेद होने के कारण यूएई-इज़राइल प्रस्ताव पर सहमति पर पहुंचने में विदेश मंत्री विफल रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘ मसौदा प्रस्ताव को और अधिक समय तथा विचार-विमर्श की जरूरत है…. हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में हम किसी सहमति पर पहुंच पाएंगे।’’
यूएई द्वारा पेश किए गए इस समझौते पर 15 सितम्बर को हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस समझौते के तहत इज़राइल वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने में मिलाने की योजना को स्थगित कर देगा। लेकिन इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बात पर जोर दिया है कि यह स्थगन ‘‘अस्थायी’’ है।
एपी निहारिका मानसी
मानसी
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