ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले सेलरों के माता-पिता ने ट्रेनिंग पर खर्च किये लाखों रूपये | Parents of olympic qualified sellers spend lakhs of rupees on training

ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले सेलरों के माता-पिता ने ट्रेनिंग पर खर्च किये लाखों रूपये

ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले सेलरों के माता-पिता ने ट्रेनिंग पर खर्च किये लाखों रूपये

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : April 8, 2021/2:07 pm IST

नयी दिल्ली/चेन्नई, आठ अप्रैल (भाषा) ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले चार भारतीय सेलरों के माता-पिता ने तोक्यो के लिये टिकट कटाने की उनकी यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की ट्रेनिंग के लिये नौकाओं को किराये पर लेने के लिये प्रत्येक महीना एक लाख रूपये से ज्यादा रूपये खर्च किये।

भारत के लिये पहली बार चार सेलरों ने तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया। नेत्रा कुमानन (लेजर रेडियल स्पर्धा), विष्णु सरवनन (लेजर स्टैंडर्ड क्लास) और गणपति चेंगप्पा और वरूण ठक्कर (49अर क्लास) की जोड़ी ने ओमान में एशियाई क्वालीफायर से यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।

लेकिन उनकी यह उपलब्धि उनके माता-पिता की मुश्किलों और आर्थिक तंगी के बाद आयी है।

वरूण के पिता अशोक ठक्कर तमिलनाडु सेलिंग संघ से जुड़े हुए हैं, इसके अलावा वह शिपिंग व्यवसाय भी करते हैं। उन्होंने चेन्नई से पीटीआई से कहा, ‘‘वरूण बचपन से ही सेलिंग के लिये जुनूनी रहा है। लेकिन ट्रेनिंग के लिये जगह की समस्या है क्योंकि इसके लिये कोई अकादमी नहीं है। वह चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट पर ट्रेनिंग करता है। तमिलनाडु सरकार ने मरीना बीच पर अकादमी बनाने का वादा किया है। हम उसका इंतजार कर रहे हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं वरूण के लिये प्रत्येक महीने कम से कम डेढ़ लाख रूपये खर्च करता हूं। यह काफी मंहगा खेल है, उपकरण मंहगे हैं। ट्रेनिंग के घंटे भी लंबे हैं। वरूण सामान्य तौर पर एक दिन में छह घंटे ट्रेनिंग करता है। लेकिन यह अब सब सफल हो गया। मेरे बेटे ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करके देश को गौरवान्वित किया। हम पूरी भारतीय टीम के तोक्यो में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद लगाये हैं। ’’

वहीं ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला नेत्रा के पिता वीसी कुमानन ने कहा कि शुरूआती स्तर पर इसका खर्चा उठाया जा सकता था लेकिन बाद में यह खर्चीला बनता गया।

विष्णु के पिता रामचंद्रन सरवनन को इतना ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ा क्योंकि उनका बेटा आमतौर पर मुंबई में भारतीय सेना द्वारा मुहैया करायी जाने वाली नौकाओं का इस्तेमाल करता है। वह पिछले साल ‘इंडियन आर्मी याचिंग नोड’ से सूबेदार मेजर के पद पर सेवानिवृत्त हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘सेलिंग को ‘रॉयल स्पोर्ट’ कहा जाता है। विष्णु के लिये एक नौका का खर्च नौ लाख रूपये होता है लेकिन वह खुशकिस्मत रहा कि भारतीय सेना उसे नौका मुहैया कराती है। हम उसकी ट्रेनिंग के लिये प्रत्येक महीने 50,000 रूपये के करीब खर्च करते हैं। ’’

भाषा नमिता पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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