मेदिनीनगर, तीन सितम्बर (भाषा) झारखंड के लातेहार जिले के टोरी रेलवे जंक्शन पर ‘ताना भगतों’ के अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी के कारण डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर फंसी रांची राजधानी एक्सप्रेस के यात्रियों को पलामू जिला प्रशासन ने 32 निजी बसों में रांची एवं उनके अन्य गंतव्य स्थानों के लिए रवाना किया।
पलामू के उपायुक्त शशि रंजन ने बताया कि रांची राजधानी के 714 यात्रियों को डाल्टनगंज से दोपहर लगभग एक बजे रांची तथा उनके अन्य गंतव्य स्थानों के लिए रवाना किया गया। रेलवे ने यात्रियों के लिए कुल 32 बसों की व्यवस्था राज्य सरकार के सहयोग से की है ।
उन्होंने बताया कि यह ट्रेन सुबह साढ़े पांच बजे डाल्टनगंज पहुंची थी जिसे लातेहार जिले के टोरी रेलवे स्टेशन के पास आदिवासी समाज के ताना भगतों के रेलवे लाइन पर चल रहे धरने के चलते रोक लिया गया था।
इससे पहले शशि रंजन एवं पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा डालटनगंज रेलवे स्टेशन पहुंचे और राजधानी एक्सप्रेस के यात्रियों से मुलाकात कर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाये जाने के प्रति आश्वस्त किया ।
झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड के टोरी जंक्शन रेलवे स्टेशन पर महात्मा गांधी के अनुयायी आदिवासी ‘ताना भगतों’ ने भूमि कानूनों में अपने हितों के अनुसार बदलाव की मांग के साथ अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी कर रेल मार्ग जाम कर दिया है ।
रेलवे एक अधिकारी ने आज सुबह बताया कि इस कारण आज सुबह से ही जहां रांची जा रही राजधानी एक्स्प्रेस ट्रेन डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर रुकी हुई है वहीं नयी दिल्ली से रांची और हावड़ा के रेल मार्ग पर चलने वाली सत्तर से अधिक मालगाड़ियां भी बुधवार शाम से बाधित हो गयी हैं, इनमें दिल्ली समेत देश के अनेक हिस्सों में बिजली संयन्त्रों के लिए जाने वाले कोयले के रेक्स भी शामिल हैं।
धनबाद रेल मंडल के बरकाकाना स्थित मंडल यातायात प्रबंधक मनीष सौरभ
ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि झारखंड के गुमला और आसपास के जिलों के रहने
वाले आदिवासी ताना भगतों ने भूमि कानून छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम में संशोधन और वनों पर अपने अधिकार की मांग को लेकर बुधवार शाम से टोरी जंक्शन पर धरना प्रारंभ कर दिया जिससे बरकाकाना-बरवाडीह रेल खंड पर रेल यातायात पूरी तरह बाधित हो गया ।
झारखंड में ‘ताना भगत’ आदिवासियों का एक समुदाय है जो महात्मा गांधी का अनुयायी है । इन लोगों ने आजादी की लड़ाई के दौरान भी अंग्रेजों के खिलाफ 1914 से 1919 तक संघर्ष किया था।
उनकी मांग है कि जंगल और पहाड़ी क्षेत्र उनके हैं वहां उन्हें पूरा अधिकार दिया जाये और उनसे किसी भी प्रकार का लगान न लिया जाये। इसके साथ ही वह अधिनियम में अपने हितों के अनुकूल संशोधन की भी मांग कर रहे हैं ।
उन्होंने बताया कि नयी दिल्ली से रांची जा रही राजधानी एक्स्प्रेस डाउन 02454 को डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर सुबह साढ़े पांच बजे से रोक लिया गया था जिसमें लगभग 750 यात्री फंसे हुए थे ।
उन्होंने बताया कि इन यात्रियों को अब सड़क मार्ग से उनके गंतव्य के लिये भेज दिया गया है।
सौरभ ने बताया कि ताना भगतों के धरने के चलते बुधवार की शाम से सत्तर
से अधिक मालगाड़ियां जहां तहां रुकी हैं जिनसे दिल्ली, पंजाब समेत देश के विभिन्न हिस्सों में विद्युत उत्पाक संयंत्रों के लिए आवश्यक सामान के साथ कम से कम तीन दर्जन रेक कोयले के भी भेजे जा रहे हैं ।
उन्होंने बताया कि इस तरह के धरने से जहां कोयले के यातायात पर बुरा
प्रभाव पड़ा है वहीं रेलवे को भारी आर्थिक क्षति भी हुई है।
इस बीच झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने बताया कि लातेहार में रेलवे ट्रैक पर ताना भगतों के धरने के बाद लातेहार के उपायुक्त जीशान कमर को उनसे बातचीत के लिये मौके पर भेजा गया है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि जल्दी ही मामला सुलझा लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि रेलवे के शीर्ष अधिकारी उनके संपर्क में हैं और मामले के हल के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
कमर ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि वह अपने अधिकारियों के साथ मिलकर आंदोलनकारियों से बातचीत कर रहे हैं और मामले को जल्द ही हल कर लिया जायेगा।
इससे पहले रांची के मंडल रेल प्रबंधक नीरज अंबष्ट ने बताया कि राजधानी ट्रेन में फंसे यात्रियों को रांची और उनके अन्य गंतव्य तक पहुंचाने के लिए इंतजाम किये जा रहे हैं और उन्हें डाल्टनगंज में खाना पीना भी दिया गया।
भाषा इन्दु
प्रशांत रंजन
रंजन
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